World Smile Day 2024 : मुस्कान से आसान होती है मुश्किलें
विश्व मुस्कान दिवस, 4 अक्टूबर, 2024 पर विशेष

World Smile Day 2024 : प्रत्येक अक्टूबर के पहले शुक्रवार को यानी इस वर्ष 6 अक्टूबर को विश्व मुस्कान दिवस है। आज मनाए जाने वाले विश्व मुस्कान दिवस के पीछे वॉर्सेस्टर, मैसाचुसेट्स के एक अमेरिकी वाणिज्यिक कलाकार हार्वे बॉल के दिमाग की उपज थी। प्रतिष्ठित स्माइली फेस 1963 में उनके द्वारा बनाया गया था। तब से, इसने सभी के सामूहिक आनंद को कैद कर लिया है।
पहला स्माइल डे (First Smile Day)
1999 में पहला स्माइल डे बिना किसी बाधा के उत्साह और धूमधाम से मनाया गया था, क्योंकि मुस्कुराहट एक ऐसी अभिव्यक्ति है जिसमें अनेक समस्याओं एवं परेशानियों के हल समाये होते है। 2001 में, हार्वे के निधन के बाद, ‘स्माइली’ निर्माता को श्रद्धांजलि के रूप में हार्वे बॉल वल्र्ड स्माइल फाउंडेशन की स्थापना की गई थी।
इस दिन को स्थापित करने वाले मैसच्यूसेट्स के आर्टिस्ट हार्वे बाल के अनुसार हम सभी को हर साल एक दिन पूरी दुनिया में मुस्कुराने और दयालु बनने के लिए समर्पित करना चाहिए। क्योंकि मुस्कुराता हुआ चेहरा किसी भी राजनीतिक, भौगोलिक और धार्मिक बातों को नहीं जानता। सिर्फ आज के दिन मुस्कुराने की बजाय आप रोज मुस्कुराने की आदत बनाइये। इससे ना केवल आपकी मुश्किलें आसान होंगी बल्कि आपके चाहने वाले भी आपको देखकर खुश रहेंगे।
World Smile Day 2024 : मानसिक शांति चाहिए तो मुस्कुराएं
अच्छे स्वास्थ्य, मानसिक शांति एवं समग्र विकास के लिये मुस्कान जरूरी है। आज के तनाव, अशांत, चिन्ता एवं परेशानियों के जीवन में मुस्कान की तीव्र आवश्यकता है। क्योंकि हँसना और मुस्कुराना सभी के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं बौद्धिक विकास में अत्यंत सहायक है। मुस्कान हमारे जीवन की सफलता की चाबी है, वह अनेक समस्याओं का समाधान भी है। मुस्कान दुखी दिल के घावों को भरने वाला मलहम है। हमारे चेहरे का व्यायाम है और मन का आराम।
हमेशा मुस्कुराते रहिए
शोध कहते हैं कि जैसे-जैसे हम बड़े हो रहे हैं, हमारा मुस्कुराना कम हो रहा है। हम इसलिए कम नहीं मुस्कुरातेे कि हम बूढ़े हो गए हैं। हम बूढ़े ही इसलिए हुए कि हमने मुस्कुराना बंद कर दिया है। करूणामूर्ति मदर टेरेसा ने कहा, शांति की शुरुआत मुस्कुराहट से होती है। आपकी खुशी आपके होठों से शुरू होती है। इस वर्ष आप विश्व मुस्कान दिवस पर, अपने होठों को थोड़ा सा मोड़ना न भूलें। यह संक्रामक होगा और आपके चारों ओर एक सकारात्मक वातावरण तैयार करेगा।
अच्छे सेहत का मंत्र आप खुलकर मुस्कुरायें
सेहत का एक मंत्र यह है कि आप खुलकर मुस्कुरायें। हमें मुस्कुराना चाहिए और बात-बेबात मुस्कुराते रहना सफल एवं सार्थक जीवन का मंत्र हैं। पर कई बार पूरा पूरा दिन बिना मुस्कान के निकल जाता है। उदासी और बेचैनियों के बादल छाए रहते हैं, मुस्कान की धूप खिल नहीं पाती। मुस्कुराना-हंसना एक ऐसा सकारात्मक भाव है जो व्यक्ति के न केवल आंतरिक बल्कि बाहरी स्वरूप को समृद्धिशाली एवं प्रभावी बनाता है।
व्यक्ति को ऊर्जावान बनाती है मुस्कान
मुस्कान एक शक्तिशाली भावना है जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपूर्ण बनाने की क्षमता हैं। यह व्यक्ति के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। जब व्यक्ति समूह में मुस्कुराता है तो उसकी मुस्कान से सकारात्मक ऊर्जा सम्पूर्ण परिवेश में व्याप्त हो जाती है।

World Smile Day 2024 : तनावपूर्ण वातावरण में खो रही है हँसी
आज के इस तनावपूर्ण वातावरण में व्यक्ति अपनी मुस्कुराहट व हँसी को भूलता जा रहा है, फलस्वरूप तनावजन्य बीमारियाँ, जैसे- उच्च रक्तचाप, शुगर, माइग्रेन, हिस्टीरिया, पागलपन, डिप्रेशन आदि को निमंत्रण दे रहा है। मुस्कुराने से ऊर्जा और ऑक्सीजन का संचार अधिक होता है। शरीर में से दूषित वायु बाहर निकल जाती है। हमेशा खुलकर मुस्कुराना शरीर के सभी अवयवों को ताकतवर और पुष्ट करता है। साथ ही शरीर में रक्त संचार की गति को बढ़ाता है। इसके अलावा पाचन तंत्र अधिक कुशलता से कार्य करता है।
इसलिये डॉक्टर भी हर बीमारी के रोगी के लिये मुस्कुराने को उपयोगी बताते हैं। क्योंकि जोर-जोर से कहकहे लगाने एवं मुस्कुराने से पूरे शरीर में प्रत्येक अंग को गति मिलती है। इससे शरीर में मौजूद हारमोन दाता प्रणाली (एंडोफ्राइन ग्रंथि) सुचारुरूप से चलने लगती है, जो कि कई रोगों से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है।
Read Also | Elderly Care Tips 2024 : बुजुर्ग माता-पिता का ऐसे रखें ख्याल
जो लोग हमें अपनी बातों से, अपने कार्यों एवं सोच से हमें मुस्कान देते हैं, वे हमारी स्मृतियों में रच-बस जाते हैं। हम किसी को पसंद या नापसंद कई कारणों से कर सकते हैं। पर लंबे समय तक हमारे प्रेम के हकदार वे लोग बनते हैं, जो हमें हंसातेे हैं और हमारे चेहरे की मुस्कान लाते हैं। शायद इसीलिए विक्टर बोर्ग कहते हैं, ‘हंसी दो लोगों के बीच की दूरी को पार करने का सबसे छोटा पुल है।’
बेशकीमती उपहार है हंसना-मुस्कुराना
हंसना-मुस्कुराना एक ऐसा बेशकीमती उपहार है, जो कुदरत ने केवल मनुष्य को ही बख्शा है। हास्य एवं मुस्कान एक सार्वभौमिक भाषा है। इसमें जाति, धर्म, रंग, लिंग से परे रहकर मानवता को समन्वय करने की क्षमता है। यह इंसान से इंसान को जोड़ने का उपक्रम है। मुस्कान एवं हंसी विभिन्न समुदायों को जोड़कर नए विश्व का निर्माण करने में सक्षम हैं। यह विचार भले ही काल्पनिक लगता हो, लेकिन लोगों में गहरा विश्वास है कि हंसी-मुस्कान ही दुनिया को एकजुट कर सकती है।
हर परिस्थिति में हँसमुख रहे
दुनिया में सुख एवं दुःख दोनों ही धूप-छाँव की भाँति आते-जाते हैं। यदि मनुष्य दोनों परिस्थितियों में हँसमुख रहे तो उसका मन सदैव काबू में रहता है व वह चिंता से बचा रह सकता है। मुस्कुराने से आत्मा खिल उठती है। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं। हास-परिहास एवं मुस्कान पीड़ा का दुश्मन है, निराशा और चिंता का अचूक इलाज और दुःखों के लिए रामबाण औषधि है।
World Smile Day 2024 : तन-मन में उत्साह का संचार
हंसने-हंसाने-मुस्कुराने से तन-मन में उत्साह का संचार होता है और दिल से मुस्कुराना तो किसी दवा से कम नहीं है। मुस्कान एक उत्तम टॉनिक का काम करती है। प्रमुख विद्वान थैकर एवं शेक्सपियर जैसे विचारकों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि प्रसन्नचित व्यक्ति अधिक जीता है। मनुष्य की आत्मा की संतुष्टि, शारीरिक स्वस्थता व बुद्धि की स्थिरता को नापने का एक पैमाना है और वह है चेहरे पर खिली प्रसन्नता। लंदन विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सोफी स्कॉट कहती हैं कि, ‘हंसी के द्वारा हमारा अवचेतन मन ये संकेत देता है कि, हम सुकून में हैं और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
Winter Health Care : सर्दी के मौसम अपनाएं ये सावधानियां
जापान में भगवान बुद्ध के शिष्य थे होतेई। वह बड़े अलमस्त स्वभाव के भिक्षुक थे। वह बेहद निर्लिप्त और निरपेक्ष भाव से जीवन जीने में विश्वास रखते थे। वह जिस कार्य को करते, उसमें पूरी तरह डूब जाते थे, तन्मय हो जाते। जापान में ऐसी मान्यता है कि एक बार होतेई मेडिटेशन करते-करते इतने रोमांचित हो गए कि ध्यानावस्था में जोर-जोर से हंसने-मुस्कुराने लगे। इस अद्भुत घटना के उपरांत ही लोग उन्हें लाफिंग बुद्धा के नाम से संबोधित करने लगे।

लाफिंग बुद्धा का ध्येय
घूमना-फिरना, देशाटन करना, लोगों को मुस्कान व खुशी प्रदान करना लाफिंग बुद्धा का ध्येय बन गया। चीन में लाफिंग बुद्धा को पुताई के नाम से भी जाना जाता है। चीनी लोग उन्हें एक ऐसे भिक्षुक के नजरिए से देखते हैं, जो एक हाथ में धन-धान्य का थैला लिए, चेहरे पर खिलखिलाहट बिखेरे अपना बड़ा पेट और थुलथुल बदन दिखाकर सभी को मुस्कन देते हुए सकारात्मक ऊर्जा देते हैं। वे समृद्धि व खुशहाली का संदेशवाहक और घरों के वास्तुदोष निवारण का प्रतीक भी माने जाते हैं। जापान जैसे देशों में लोग अपने बच्चों को प्रारंभ से ही हँसते-मुस्कुराते रहने की शिक्षा देते हैं, ताकि उनकी भावी पीढ़ी सक्षम एवं तेजस्वी हो।
World Smile Day 2024 : मुस्कुराने को बढ़ावा देना चाहिए
दुनिया के अधिकतर देश आतंकवाद के डर से सहमे हुए हैं, हर व्यक्ति के अंदर घबराहट और अशांति का कोहराम मचा हुआ है। ऐसे दौर में केवल मुस्कान ही दुनियाभर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर टेरीजा एमाबाइल ने कहा है कि, हँसते समय हमारा दिमाग सबसे अधिक क्रिएटिव होता है। हमें न केवल पारिवारिक परिवेश में बल्कि ऑफिस में हंसी-मजाक, मुस्कुराने को बढ़ावा देना चाहिए। ऑफिस का माहौल मेल-जोल और हंसी मजाक वाला हो, जिससे टीम के बीच काम के प्रति उत्साह का संचार हो सके।
खूबसूरत चेहरे के लिए मुस्कान कारगर साबित हो सकता है। मुस्कुराने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। मेडिकल प्रयोगों में पाया गया है कि, 10 मिनट तक मुस्कुरातेे रहने से दो घंटे की गहरी नींद आती है।
Read Also : Worlds Smile Day : हास्य मनुष्य का सच्चा मित्र
मुस्कुराने वाले व्यक्तियों के कई सारे मित्र बन जातें हैं और इस प्रकार उनमें भाईचारा और एकता की भावना कब उत्पन्न होती हैं, पता ही नहीं चलता। डर, भय, असुरक्षा, आतंकवाद से हर इंसान सहमा हुआ है, तब ‘मुस्कान दिवस’ की अत्यधिक आवश्यकता महसूस होती है। इससे पहले इस दुनिया में इतनी अशांति कभी नहीं देखी गई। इस व्यस्त, अशांत एवं तनावग्रस्त जिंदगी में लोग कम से कम एक दिन तो अपने लिए निकालें और जी भरकर मुस्करायेें।