Winter Health Care : सर्दी के मौसम अपनाएं ये सावधानियां
Winter Health Care : देश से लगभग मानसून की विदाई हो चुकी है। अब जो आने वाला मौसम सर्दियों का है। आपको बता दें कि भारत में विभिन्न मौसमों का शरीर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। गर्मी के मौसम में शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना अधिक होती है। सर्दी का मौसम स्वास्थ्य की दृष्टि से अति उत्तम माना जाता है।
गर्मी में जहां ज्यादा खाने का मन नहीं करता वहीं सर्दी के मौसम में हमारी भूख प्राकृतिक रूप से बढ़ जाती है और बार-बार खाने को मन करता है और सबसे बड़ी बात यह कि खाया-पीया तन को लगता है। लेकिन हर मौसम में कुछ परेशानियां भी उठानी पड़ती हैं।
शरीर को ठंड से बचाना है बहुत जरूरी
जैसे कि सर्दी के मौसम में ठंड लगने की संभावना अत्यधिक होती है और ठंड लगने से ही अधिकतर बीमारियां होती हैं। नजला, जुकाम, खांसी, बुखार आदि रोग ठंड लगने से ही होते हैं। इसलिए शरीर को ठंड से बचाना बहुत जरूरी है। यह जरूरी है कि आपके शरीर पर इतने गरम कपड़े अवश्य हों कि ठंडक का एहसास नहीं हो।
ठंड हमेशा छाती, पैरों या सिर से लगती है। हमारी छाती ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित होती है, ठंड लगते ही छाती जकड़ जाती है। गले में खराश होने लगती है। रूक-रूक कर खांसी उठती है और बुखार भी हो जाता है।
इसलिए छाती को ढक कर रखना बहुत जरूरी है। सर्दी होते ही आधी बाजू की ऊनी बनियान अंदर अवश्य पहनें। सूती या कैशमिलान से बनी बनियान ठंड से उतनी सुरक्षा और गरमी नहीं दे सकती जितनी कि शुद्ध ऊनी बनियान।
हमारे हाथ, पैर व सिर हमेशा खुले रहते हैं लेकिन सर्दी में बाहर निकलते समय हाथों में दस्ताने व सिर पर ऊनी या सूती स्कार्फ अवश्य बांधें। विशेषरूप से साइकिल, स्कूटर आदि पर सवारी करते समय। छाती की ही तरह पैरों में भी ठंड लगती है। इसलिए सर्दी के मौसम में ठंडे फर्श पर नंगे पांव नहीं घूमें। हो सके तो घर मूें भी बैली या बूट पहन कर ही रहें।
Winter Health Care : सर्दी से बचने के उपाय
सर्दियों में बिना बाजू वाले तथा आधी बाजू के परिधान नहीं पहनें, पूरी बाजू के सूती या ऊनी परिधान ही पहनें तथा रेशमी व सिंथेटिक परिधानों से परहेज करें। गले में मफलर लपेट कर रखें, विशेषरूप से स्कूटर पर बैठते समय। खांसी या गला खराब होने पर भी गले को अच्छी तरह ढक कर रखें।
सर्दियों में सुबह उठ कर एकदम नहाने नहीं जाएं। शरीर का तापमान सामान्य होने पर ही नहाएं। संभव हो तो धूप निकलने पर ही अपने केशों को धोएं। धूप में बैठ कर केशों को सुखाएं। गीले केश कभी नहीं बांधें। उन्हें पूरी तरह सुखा कर ही घर से बाहर निकलें।
Read Also | जीवन की कुछ अच्छी और सच्ची बातें
चूंकि सर्दियों में त्वचा शुष्क हो जाती है। इसलिए उसकी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। त्वचा को कोमल बनाने के लिए साबुन का प्रयोग कम ही करें। चेहरे को क्लीजिंग मिल्क से साफ करें। सप्ताह में एक बार किसी अच्छी क्रीम से चेहरे का मसाज करें।
सर्दियों में व्यायाम का महत्व (Exercise in Winter)
ध्यान रखें कि सर्दियों में व्यायाम का विशेष महत्व है। घर से बाहर टहलने नहीं जा सकें तो घर पर ही दस-पंद्रह मिनट व्यायाम अवश्य करें। यदि गले में खराश या चुभन महसूस हो रही हो तो कुनकुने पानी में नमक डालकर रात को सोने से पहले गरारे करें।
बालों में मेहंदी नहीं लगाएं
सर्दियों में सर के बालों में मेहंदी नहीं लगाएं। मेहंदी की तासीर ठंडी होती है जिससे नजला, जुकाम होने का भय रहता है अगर मेहंदी लगानी ही हो तो गरम कर के लगाएं। मेहंदी लगाने के बाद धूप में बैठें व केशों को कुनकुने पानी से धोएं।
Winter Health Care : हाथों व पैरों की भी विशेष देखभाल
सर्दियों में हाथों व पैरों की भी विशेष देखभाल करनी पड़ती है। ध्यान नहीं देने पर त्वचा अति शुष्क हो जाती है। हाथों व पैरों में कांटों की सी चुभन का एहसास होता है। एड़ियां फट जाती हैं। जख्म हो जाते हैं। यहां तक कि उनमें से खून रिसने लगता है।
Read Also | Healthy Fruits for Cold : इन 4 गिरीदार फलों को खाएं और स्वस्थ रहें
अतः सप्ताह में कम से कम दो बार कुनकुने पानी में नमक व सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालकर दस-पंद्रह मिनट तक पैरों को उसमें डुबोएं, अच्छी तरह रगड़ कर साफ करें, तौलिए से सुखा कर कोई अच्छी क्रीम लगा कर सूती या ऊनी मोजे पहन लें।
Read Also | Best Health Tips : जानें कौन सी सब्जी है अनके बीमारियों की अचूक औषधि
हो सके तो सर्दियों में सुबह-शाम टहलने अवश्य जाएं, जाॅगिंग व लंबी दौड़ विशेष रूप से शरीर को गरमी पहुंचाती है। सैर के लिए निकलते समय गरम कपड़े अवश्य पहनें।