Holi 2025 : बदहजमी भी कर सकते हैं पकवान, जानें कैसे बचे
जानें कब है रंगों और खुशियों का महापर्व है होली और होलिका दहन

Holi 2025 : हिन्दू धर्म में होली सभी त्योहारो में महत्वपूर्ण पर्व है। यह उमंग और उल्लास का पर्व है। और आप सभी जानते हैं कि बिना पकवानों का यह त्योहार पूर्ण नहीं होता है। कहने का मतलब होली के दिन घर पर पकवानों का लुत्फ नहीं मिले तो इस त्योहार का मजा नहीं आता है।
हर्षोउल्लास और आनंद में हम लोग कई बार अत्यधिक मीठा के साथ-साथ स्पाइसी, ऑयली खाना खा लेते है। इस तरह का खान-पान हमारे पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। जिससे उस दिन हमारे स्वास्थ्य पर काफी बुरा असड़ पड़ता है। इसलिए होली के दिन अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। इसलिए आप पकवानों का मजा तो लें पर साथ ही यह भी देखें कि आप क्या खा रहे हैं।
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दही-बड़े सेहत के हिसाब से फायदेमंद
जब आन खाने बैठे तो अपनी प्लेट में देखे कि इसमें कितना हेल्दी फूड है और कितनी फैटी फूड। होली पर बनने वाले दही-बड़े सेहत के हिसाब से फायदेमंद होते हैं। इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। यह आपके पेट के लिए भी काफी बढि़या होता है।
वैसे तो गुजिया और मालपुआ होली के दो पारंपरिक पकवान हैं, लेकिन इनमें कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। त्योहार है तो ऐसे व्यंजन खाने का मौका गंवा भी नहीं सकते। लेकिन वैसे युवतियां जो अपने फिगर के प्रति ज्यादा सजग होती हैं, वे ऐसे खाने से परहेज करती हैं लेकिन होली पर वे भी इसे खाने से नहीं चूकतीं।

Holi 2025 : जरूरत से ज्यादा न खाएं
आप इन पकवानों का लुत्फ जरूर लें मगर जरूरत से ज्यादा न खाएं। अगर आप ज्यादा खायेंगे तो बदहजमी हो सकती है। अगर आपकोे होली में मीठा खाने का दिल करे तो आप मिठाई की जगह बेक्ड केक खा सकते हैं। फ्रूट कस्टर्ड और शहद बेहतर विकल्प हो सकता है।
होली के त्योहार के मौके पर आप कितना भी अपने पर काबू रखें गुझिया, जलेबी और पुओं के आगे आप हार जाते हैं। र्कइ लोग तो अल्कोहल और भांग का भी सेवन कर लेते हैं। त्योहारों के इस खान-पान के बाद अगर आप हेल्दी डायट शुरू करना चाहते हैं और शरीर से विषाक्त चीजें बाहर करना चाहते हैं तो डिटाक्स बेहतर विकल्प है। लगभग दो-तीन दिन का डिटाक्स डायट हेल्थ के लिए काफी अच्छा है।
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शरीर को डिटॉक्स करने के टिप्स
- इसके लिए आप पहले दिन नींबू पानी, नारियल पानी, फल जैसे केला, पपीता और साथ में गुनगुना पानी या ग्रीन टी पूरे दिन पीते रहें।
- दूसरे दिन नींबू पानी का सेवन करें। सेब, नाशपाती, केला, अंगूर, भी खा सकते है। इसके अलावा आप उबले साबुत अनाज, ओट, कोकोनट वाटर, और उबली सब्जियां जैसे ब्रोकोली, गोभी, गाजर, चुकंदर, बंदगोभी का सेवन करें। आप उबली सब्जियों में ऑलिव ऑयल मिला सकते हैं। साथ में वेजीटेबल सूप और ग्रीन टी-लेते रहें।
- तीसरे दिन वेजीटेबल जूस, सलाद, कुछ नट्स, पपीता और उबली सब्जियों के साथ उबले चावल ले सकते हैं। पूरे दिन नींबू पानी का सेवन करना बेहतर होगा। यह डिटॉक्स डायट आपके शरीर के विषैले पदार्थ निकालकर आपको हेल्दी महसूस कराने में मदद करता हैं। डिटॉक्स डायट 2-3 ही काफी होता है।
- जानकारी के लिए आपको बता दें कि हेल्दी महसूस करने के लिए त्योहारों के बाद डिटॉक्स जरूरी होता है। वैसे तो शरीर को हेल्दी और सकारात्मक ऊर्जा देने के लिए आप कभी भी डिटॉक्स कर सकते हैं पर आहार विशेषज्ञ की राय लेना न भूलें।

रंगों और खुशियों का महापर्व है होली
होली, रंगों और खुशियों का महापर्व है, जिसे बसंत ऋतु के आगमन के साथ बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस मौसम में प्रकृति अपने विभिन्न रंगों से सज जाती है, जैसे कि बसंत का स्वागत कर रही हो। यह उल्लासपूर्ण पर्व फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैए इसलिए इसे फाल्गुनी महोत्सव भी कहा जाता है। होली, एकता, प्रेम और खुशी का प्रतीक है, जो सभी को एक साथ लाता है।
ऐतिहासिक कथा
भारतीय संस्कृति में हर त्योहार के पीछे एक अनोखी कहानी होती है। होली का संबंध हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की ऐतिहासिक कथा से है। हिरण्यकश्यप एक अत्याचारी और स्वघोषित भगवान ने अपनी प्रजा से केवल उसकी पूजा करने का आदेश दिया था। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। यह देखकर हिरण्यकश्यप ने उसे नष्ट करने के कई प्रयास किए लेकिन हर बार वह भगवान की कृपा से बचता रहा।
होलिका दहन
अंततः हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को अग्नि में जलाने का आदेश दिया। होलिका को वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे किसी भी प्रकार से हानि नहीं पहुंचा सकती, लेकिन जब वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठी, तो प्रह्लाद सुरक्षित रहा, और होलिका आग में जलकर राख हो गई। इस घटना की याद में होलिका दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

भाईचारे और सौहार्द का पर्व है होली (Holi 2025)
होली का पर्व होलिका दहन से एक दिन पूर्व प्रारंभ होता है। लोग लकड़ियों और उपलों का ढेर लगाकर उसे जलाते हैं। अगली सुबहए धुलंडी का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग एक-दूसरे पर गुलाल और रंगों की बौछार करते हैं। बच्चे, वृद्ध और युवा सभी मिलकर मिठाइयां बांटते हैं, गाने गाते हैं, और नृत्य करते हुए इस पर्व की खुशी मनाते हैं। होली, भाईचारे और सौहार्द का पर्व है जिसमें समाज के सभी वर्ग अमीर और गरीब, छोटे और बड़े भेदभाव को नकारते हुए एक-दूसरे के साथ मिलकर आनंदित होते हैं।
कब है होली ? (Holi Date 2025)
इस साल होली 14 मार्च को खेली जाएगी। वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च सुबह 10 बजकर 35 मिनट शुरू होगी और 14 मार्च दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के कारण होली 14 मार्च को है।
कब होगा होलिका दहन (Holika Dahan Date, Time)
इस बारे में ज्योतिषियों ने जानकारी दी है कि यह 13 मार्च को देर रात होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 26 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसी समय पर होलिका दहन किया जाएगा। 13 मार्च की रात को होलिका दहन होगा, जिसका शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 30 मिनट तक चलेगा।
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