दुनिया भर के लोगों को मुस्कान की सुंदरता का जश्न मनाने के लिए 'मुस्कान दिवस' प्रोत्साहित करता है।
मुस्कान एक मधुर और आनंददायक उपहार है। मनुष्य को जब भी हँसने का अवसर मिले, खूब हँसना चाहिये। हँसी, मुस्कान और प्रसन्नता यौवन की आधार शिला है।
आप हँसेंगे तो संसार आपका साथ देगा। अगर आप रोयेंगे तो अकेले रह जायेंगे। कोई आपके पास बैठना न चाहेगा। हास में जीवन और रुदन में मृत्यु की छाया रहती है।
हास्य मनुष्य का सच्चा मित्र, सच्चा साथी और सहचर सब कुछ है। जो इसको अपने साथ लेकर चलता है, वह जीवन में अवश्य सफल होता है। हास शत्रुता का शमन करता है।
हँसने से नाड़ी संस्थान पर एक विशेष प्रभाव पढ़ता है, जिससे वे नवीन शक्ति पाकर क्रियाशील हो उठती हैं। ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध आदि उत्तेजनाओं से जो शारीरिक अस्तव्यस्तता उत्पन्न हो जाती हैं।