Hindi Kids Story : रामू की सीटी बज गई
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Hindi Kids Story : वह ग्राम से कस्बे में नया-नया आया था। नाम था उसका रामू। किशोर रामू दिन भर घूमने फिरने का शैकीन था। उसे एक जगह बैठना अच्छा ही नहीं लगता था। ग्राम में तो वह जंगल में चला जाता। कभी इस पेड़ पर चढ़ता, कभी उस पेड़ पर। जंगल में वह घूमते फिरते सीटी बजाया करता। वह एक सीटी जेब में सदा रखता था जो एक धागे से बंधी रहती। धागा उसके गले में लटका रहता। वह तरह-तरह से सीटी बजाता।
गांव में वह सीटीवाला रामू कहलाता था। सीटी की आवाज सुनी कि सब पहचान जाते कि रामू आस पास कहीं है। कस्बे में आकर उसका अजीब हाल हो गया। वह करे क्या? न कोई दोस्त और न जंगल। वह ऐसे ही इधर उधर भटकता रहता लेकिन सीटी उसके गले के धागे से बंधी अभी भी उसकी जेब में रहती। उसके साथी उस पर हंसा करते थे।
कस्बे में वह अपने मामा के यहां आया था। मामा ने समझाया था, ’देखो, ये ग्राम नहीं है रामू। यहां के हाल चाल, रंग ढंग अलग हैं। जब तुम्हारा नाम कोई पूछे तो कहा करो, रामेश्वर, यह रामू बताना ठीक नहीं। व्यर्थ घूमना भी ठीक नहीं, घर बैठ कर पढ़ा करो। पढ़ाई-लिखाई ही काम आएगी।
रामू को मामा की बात ठीक लगी। अब वह साफ-स्वच्छ वस्त्रा धारण करने का ध्यान रखता। नियमित स्नान करता और फिर भोजन कर ठीक समय स्कूल चला जाता। स्कूल में उसने दो चार छात्रों से परिचय बढ़ाया था। वे छात्रा भी उसे ग्राम का लड़का समझ बेवकूफ समझते थे। यह वह जान गया था किंतु करे क्या?
स्कूल में एक दयाशंकर सर थे। वे ही उसे स्नेह देते थे। वे उसे अच्छी-अच्छी बातें बता कर आत्मविश्वास भरते थे। एक दिन उन्होंने उसे रोक कर कहा, ’बेटा, रामेश्वर, यह सीटी तुम क्यों गले में लटकाये रहते हो? अब रामू क्या जवाब देता। वह तो मन का मौजी था। जब मन न लगता तो सीटी की ध्वनि निकालने लगता।
गांव में तो वह हर समय सीटी बजाता घूमता था। उसकी सीटी की ध्वनि से लोग समझ जाते कि रामू आ गया है। वहां तो उसके पिताजी हमेशा डांटते रहते कि यह बेकार का शोर क्या मचाते हो। हमारा तो सरदर्द हो जाता है। मजबूरी में ही अब कभी कभी सीटी बजाता है। वह सोच में पड़ गया।
अब रामेश्वर, सर को क्या जवाब दे। उसने डरते हुए कहा, ’सर, जब मेरा मन कहीं नहीं लगता, तब सीटी बजाता हूं। सीटी बजाने से एक प्रकार का आत्मिक सुख मिलता है। और तो कोई कारण नहीं है।
व्यर्थ में सीटी बजाने का कोई अर्थ नहीं (Hindi Kids Story)
दयाशंकर जी ने कहा, ’देखो बेटे! व्यर्थ में सीटी बजाने का कोई अर्थ नहीं है। यदि बिना कारण तुम सीटी बजाओगे तो उससे व्यर्थ शोर होगा। शोर कोई पसंद नहीं करता। सीटी बजानी है तो कायदे से बजाओ।
रामेश्वर अचरज में पड़ गया। वह सोचने लगा, ’क्या सीटी बजाने का भी कोई फायदा हो सकता है? उसने विनम्रता से पूछा, सर, क्या आप मुझे सीटी बजाने का फायदा समझा देंगे?
दयाशंकर जी मुस्कराए। बोले, ’बेटा! तुमने रात के अंधेरे में पुलिस के जवानों को गश्त लगाते देखा होगा। वे जोर से लयबद्ध सीटी बजाते हैं। उस सीटी की आवाज सुनते ही सब सावधान हो जाते हैं। चोर उच्चके तो सीटी की ध्वनि सुन भाग खड़े होते हैं। सीटी की यह ध्वनि हमें आराम से सोने देती हैं।
सीटी में आदेश व निर्देश (Hindi Kids Story)
दयाशंकर जी दो क्षण रूके। फिर बोले, ’तुमने स्काउट की ड्रिल या कवायद में भी सीटी बजती देखी होगी। इस सीटी में आदेश व निर्देश होता है कि अब आगे क्या करना है। सब सीटी की ध्वनि के अनुसार कार्य करते हैं। इसी प्रकार सीटी शिकार में, पानी के अंदर, सैर में, जोगिंग में, पहाड़ की चढ़ाई में भी अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। सीटी एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। इसका सावधानी से उपयोग करो। आजकल सीटी कई प्रकार की आती हंै। तुम्हारे लिए तो यह कंकड़वाली सीटी ही अच्छी है।
रामेश्वर ने सुना तो कहा, सर, आपने ठीक कहा। अब मैं सीटी को व्यर्थ बजा कर शोर उत्पन्न नहीं करूंगा। काम आने पर ही बजाऊंगा। तुझे तो पता ही नहीं था कि सीटी के कई उपयोग है।
रामेश्वर इस विषय में विचार करते घर आ गया। उसे लगा कि इस तरह तो उसे सीटी बजाने का कभी काम पड़ेगा ही नहीं। अपने निवास पर आकर वह इसी विषय पर सोचता रहा। समय निकलता गया और सांझ घिर गई।
बिजली कटौती के कारण दूर-दूर तक अंधकार (Hindi Kids Story)
अंधेरा चारों और फैल गया। बिजली कटौती के कारण दूर-दूर तक अंधकार छा गया। रामेश्वर का मकान था भी कस्बे के अन्तिम छोर पर। उसके घर के पास से शहर के लिए सड़क निकली है। सड़क से लगा एक पेट्रोल पंप है। इस पेट्रोल पंप पर राम में जरूर प्रकाश रहता है। सड़क पर वाहन आते जाते हैं।
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रामेश्वर ने लालटेन जलाई और पढ़ने बैठ गया। वह आज स्कूल में दिया गया कार्य पूर्ण कर सोना चाहता था। किंतु उसे पता ही नहीं चला कि कब वह सो गया।
अचानक रात के अंधेरे में उसे कुछ शोर सुनाई दिया। वह उठा, उसने खिड़की खोल कर देखा। पेट्रोल पंप पर पत्थर बरस रहे थे। पेट्रोल पंप की लाइट तोड़ दी गई थी और अंधकार में लूटपाट के स्वर घबराहट भरे सुनाई दे रहे थे। उसे कुछ समझ में न आया कि वह क्या करे। तभी उसे दयाशंकरजी सर की बात याद आई। वह दरवाजा खोल बाहर आया और उसने जोरदार ढंग से सीटी बजाना प्रारंभ कर दिया।
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सीटी की ध्वनि ने जादू का काम किया (Hindi Kids Story)
उसकी सीटी की ध्वनि ने जादू का काम किया। आवाज सुनाई दी। भागो-भागो, पुलिस आ गई है। लुटेरों के पैर उखड़ गए। चोर भाग खड़े हुए। पेट्रोल पंप लुटने से बच गया। पेट्रोल पंप मालिक ने पुलिस विभाग से कहा, ’आपके गश्तीदल के आ जाने से हम बाल बाल बच गए। अगर आपका गश्तीदल सीटी नहीं बजाता तो हम तो मारे जाते।
पुलिस अधिकारी आश्चर्य में पड़ गया। उस दिन तो कोई गश्तीदल इस क्षेत्रा में था नहीं तब सीटी कहां से बजी। पुलिस के सारे सिपाही तो शांति व्यवस्था में लगे थे। पुलिस अधिकारी सिर खुजलाने लगा।
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सीटी बजी कहां से (Hindi Kids Story)
आखिर सीटी बजी कहां से? जांच से पता चला कि रामू सीटी बजाता है। पूछताछ हुई। रामू ने कहा, ’हां मैंने बजाई थी सीटी। वह भोलेपन से बोला, हमारे मास्टर साहब दयाशंकर जी ने कहा था कि संकट के समय पुलिस का सिपाही जोर से सीटी बजाता है। उन्होंने बजाकर बताई भी थी। मैंने उस दिन ऐसा ही संकट देखा तो बजा दी सीटी। मेरी सीटी की आवाज सुन कर मैंने भागो, भागो कहते सुना था। पुलिस आ गई-भागो। किसी ने कहा था। क्या कुछ गलती हो गई।
थानेदार भोलेपन को देख हंसने लगा। बोला, कोई गलती नहीं हुई। तुमने सावधान होने की सीटी बजाई। चोरों के पैर नहीं होते। वे भाग गए। तुम्हें शाबाशी है। हम इनाम भी देंगे।
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रामू के मामा, मामी और भाई बहन उसे आश्चर्य से देख रहे थे। संकट की घड़ी में धैर्यपूर्वक निर्णय लेने का साहस रामू ने भोलेपन में लिया था और एक संकट टल गया। रामू की सीटी बज गई। सीटी व्यर्थ बजाकर शोर करने के लिए नहीं है। यह तो बड़ी उपयोगी है।