Story for Kids in Hindi : नासमझ बारहसिंघे का टूटा घमंड, मिली सजा
Story for Kids in Hindi : The foolish rhinoceros's broken pride, got punishment
Story for Kids in Hindi : बहुत पहले की बात है। एक जंगल में बहुत से जानवर रहते थे। जंगल की मालिक ’जंगल की रानी‘ थी जो घने वृक्षों में बने हुए अपने शानदार महल में रहती थी। सारे जानवर उस का बड़ा आदर करते थे। रानी बूढ़ी और कमजोर होती जा रही थी।
एक रोज उस ने जंगल के सब जानवरों को इकट्ठा किया और कहा, ’मैं दिनोंदिन बूढ़ी होती जा रही हूं इसलिए मैं यह चाहती हूं कि तुम अपना कोई राजा चुन लो जो जंगल का प्रबंध करे और तुम्हारे दुखसुख का ख्याल रखें। मगर एक बात याद रखना। अपना राजा किसी ऐसे को चुनना जो राजा बनने के योग्य हो। अगर तुम ने गलत राजा चुना तो जंगल का प्रबंध बिगड़ जाएगा और मुझे बड़ा दुख होगा।
हर एक जानवर सोचने लगा कि वही सब से अच्छा है। उसी को राजा बनाया जाएगा। वहां सैकड़ों जानवर थे और सब अपने आप को दूसरों से अच्छा समझते थे।
तेज दौड़ने वाला बनेगा राजा
रानी ने कुछ देर सोच कर कहा, मेरे ख्याल में सब से अच्छा जानवर वह है जो सब से ज्यादा दौड़ सके। तेज दौड़ना जानवरों के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि उन्हें मनुष्य से अपनी रक्षा करनी है। इसलिए तुम सब यहां से 4 मील दूर वाले बरगद की दाढ़ी छू कर आओ। जो जानवर सबसे पहले वापस आएगा, वही राजा बनाया जाएगा।
दौड़ शुरू हुई। सारे के सारे जानवर रानी का इशारा पा कर दौड़ने लगे और नजरों से गायब हो गये। थोड़ी ही देर बाद रानी ने देखा कि एक जानवर भागा चला आ रहा है। जब वह करीब आया तो रानी ने देखा वह बारहसिंघा था। उस ने दौड़ में सारे जानवरों को हरा दिया था। उस वक्त बारहसिंघे के सिर पर सींग न थे।
रानी ने घोषित किया, ’क्योंकि बारहसिंघे ने यह दौड़ जीत ली है इसलिए हम उसे जंगल का राजा बनाते हैं। बारहसिंघे ने उन तमाम जानवरों पर नजर डाली जो उस के सामने सिर झुकाए नम्रता से खड़े थे। उसी समय वह सोचने लगा, ’ये सारे जानवर मेरी प्रजा हैं, मेरे गुलाम हैं। यह जंगल मेरा है। इस पर मेरा राज्य है।
बारहसिंघा धीरे-धीरे घमंडी होता गया (Story for Kids in Hindi)
दिन बीतते गए और बारहसिंघा धीरे-धीरे घमंडी होता गया। बारहसिंघा बड़ा आलसी होता गया। उस के कर्मचारी भी सुस्त हो गए। एक दिन गधे ने राजा बारहसिंघे से कहा, ’सरकार, राजाओं के सर पर ताज होता है, ताज से ही तो राजा की पहचान होती है और आप के सिर पर ताज नहीं है।
तुम ठीक कहते हों, बारहसिंघा बोला, मगर हमारा ताज ऐसा होना चाहिए जो सुंदर और विचित्र दिखे। किस जानवर के सींगों का ताज बनाएंगे, गधे ने गिड़गिड़ा कर कहा, ’क्या बैल के सींगों का? हूं, बारहसिंघे ने घृणा से नाक सिकोड़ कर कहा, बैल के सींग कहां खूबसूरत होते हैं किसी और जानवर का नाम लो। सरकार, गधा बोला, बकरे के सींग ठीक रहेंगे।
मूर्ख, बारहसिंघा बिगड़ गया, हमारे शाही सिर का अपमान करता है। हमारे शानदार सिर पर बकरे के सींग लगाएं? कुछ सोच कर बारहसिंघा बोला, ’ऐसा करो, सारे जानवरों का एक सींग तोड़ लाओ और उन सब सींगों को जोड़ कर एक ताज बनाओ।
जानवरों का एक-एक सींग तोड़ कर ताज बनाया (Story for Kids in Hindi)
बैल, बकरा, भेड़ आदि सभी जानवरों का एक-एक सींग तोड़ कर ताज बनाया गया। ताज को बारहसिंघे के सिर पर रख कर गधा बोला, सरकार, कहीं नजर न लग जाए। बड़े खूबसूरत लग रहे हैं आप, कितना शानदार ताज है। ताज मिलने के बाद बारहसिंघा और भी घमंडी हो गया। अब तो नाक पर बैठी मक्खी तक को उड़ाना उसे पसंद न था। जंगल की व्यवस्था बुरी तरह बिगड़ चुकी थी।
एक दिन जंगल पर एक नई आफत आई। कुछ मनुष्यों ने भाले ले कर जंगल पर आक्रमण कर दिया। जानवर घायल हो कर गिरने लगे। बहुत से मार डाले गए। बारहसिंघे को खबर मिली तो उस ने गधे को बुला कर कहा, जाओ, हमारी सेना ले जाओ और मनुष्यों का मुकाबला करो।
गधे ने सेना को मनुष्यों का सामना करने के लिए भेजा। भयानक लड़ाई हुई। अंत में मनुष्यों के कदम उखड़ गए और वे उलटे पांव भागे, मगर इस विजय का श्रेय गधे या बारहसिंघे को न था। यह सब शेर की बहादुरी की वजह से हुआ था। अगर शेर न होता तो बारहसिंघे की कायर सेना को हराना मनुष्यों के बाएं हाथ खेल था।
शेर की बहादुरी का बड़ा प्रभाव
सारे जानवरों पर शेर की बहादुरी का बड़ा प्रभाव पड़ा। उन्होंने सोचा, बारहसिंघे जैसे विलासी राजा से क्या लाभ है। जब जानवर जान की बाजी लगा कर लड़ रहे थे, उस वक्त राजा सो रहा था मीठी नींद। ऐसे राजा पर हजार बार लानत है।
हमें दूसरा राजा दो बारहसिंघा कामचोर है, घमंडी है, हमें बारहसिंघा नहीं चाहिए, जानवर ये नारे लगाते हुए जंगल की रानी के महल की ओर चले। रानी उन की आवाज सुन कर बाहर आई और उस ने पूछा, क्या बात है?
सब ने बारहसिंघे की अयोग्यता की कहानी सुनाई और कहा, हमें ऐसे राजा की जरूरत नहीं। इस के बाद उन्होंने रानी को लड़ाई का हाल बताया जिस में शेर ने बड़ी बहादुरी दिखाई थी।
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राजा को बहादुर होना चाहिए
रानी ने कहा, अच्छा फिर शेर जंगल का राजा बनेगा। असल में राजा को बहादुर होना चाहिए। ऐसा राजा किस काम का जो खुद मजे से सोता रहे और फौज को लड़ने भेज दे। ऐसे निकम्मे राजा को सजा मिलनी चाहिए। जाओ, बारहसिंघे को बुलाओ। बारहसिंघा डरता कांपता रानी के सामने हाजिर हुआ। रानी ने देखा उस के सिर पर विचित्र प्रकार के सींग हैं और बिल्कुल कारटून लग रहा है।
रानी को हंसी आ गई। उस ने बारहसिंघे से पूछा, यह क्या है, आप के सिर पर? यह मेरा ताज है। राजा के सिर पर ताज होना चाहिए। रानी को गुस्सा आ गया। उस ने कहा, नालायक, राजा के लिए ताज से भी ज्यादा जरूरी है बहादुरी और प्रजा से प्रेम।
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शेर बना जंगल का राजा (Story for Kids)
जंगल के दूसरे जानवरों को देख। सब से बड़ा जानवर हाथी है और सब से बलवान जानवर शेर। क्या इन के सिरों पर सींग हैं? और तेरे अंदर केवल यही एक गुण तो था कि तू तेज भाग सकता था। आज फिर दौड़ होगी। जब दौड़ हुई तो बारहसिंघा ताज के बोझ के कारण भाग न सका और तभी इस के सींग एक झाड़ी में उलझ गए। दौड़ में शेर सब से आगे रहा। रानी ने उसे जंगल का राजा बना दिया। तब से आज तक शेर ही जंगल का राजा है।
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नासमझी का नतीजा
रानी ने बारहसिंघे से कहा, देख, यह है तेरी नासमझी का नतीजा। तू इन सींगों के ताज को बहुत बड़ी चीज कह सकता है मगर यह तेरे लिए मुसीबत बन जाएंगे। जा, आज से ये सींग तेरे सिर पर जम जाएंगे और तू इन से छुटकारा न पा सकेगा। वह दिन था और आज का दिन है। बारहसिंघे के सिर पर सींगों वाला ताज मौजूद है और बारहसिंघा बहुधा अपनी नासमझी पर आंसू बहाया करता है। Story for Kids in Hindi