MP Today News : नीमच में जिंदा को मृत और मृत को जिंदा बता चालू कर दी पेंशन, जानें क्या है मामला
पंकज त्रिपाठी की फिल्म 'कागज' से है मिलती-जुलती कहानी
MP Today News : मध्यप्रदेश में एक जिला है नीमच। यहां के अठाना नगर परिषद (Athana Municipal Council) से अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही का एक मामला सामने आया है। ऐसा बताया जा रहा है कि यहां के जिम्म्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक बुजुर्ग महिला को कागजों में मृत घोषित कर दिया और मृत को जिंदा।
इस समाचार के समाने आने के बाद पंकज त्रिपाठी की एक फिल्म की कहानी याद आने लगी। इस फिल्म का नाम है ‘कागज’। जिसमें उन्हें जिंदा रहते हुए मृत बता दिया गया। और संपूर्ण फिल्म में वह अपने आप को जिंदा साबित करने में लगे रहते हैं। ऐसा हीं कुछ नीमच के अठाना नगर परिषद का मामला सामने आया है। आईये जानते है कि क्या है मामला…।
यह कहानी है 74 साल के मोहनी बाई बैरागी बुजुर्ग महिला की। नगर परिषद अठाना के कर्मचारियों ने आज से लगभग दो साल पहले कागजों में मृत घोषित कर दिया। अब जब महिला को मृत घोषित कर दिया गया तो उसे सरकार की ओर मिलने वाली सभी सुविधाएं भी बंद हो गई।
महिला को सरकारी पेंशन भी मिलता था जो बंद हो गया। इसी कारण से इस मामले का खुलासा भी हो पाया। पेंशन के बंद होने पर महिला परिजन बार-बार नगर परिषद कार्यालय का चक्कर लगाने लगे। अखिर पेंशन आना बंद क्यों हुआ तब पता चला कि महिला को तो दो साल पहले हीं मृत घोषित कर दिया गया है।
अब मोहनी बाई को जिंदा साबित करने के लिए उसका नाती मनीष बैरागी जद्दोजहद कर रहा है। नानी को जिंदा साबित करने के लिए उसे दफ्तरों के चक्कर लगाना पड़ रहा है। नगर परिषद के जिम्मेदार इसे सिर्फ त्रुटि मानकर पल्ला झाड़ रहे है।
वैसे यहां के अधिकारियों ने जब पूरे मामले की जांच की तो हैरानी वाली बात सामने आई। जांच में पता चला कि यहां कर्मचारियों ने 2 साल पहले हीं जिंदा मोहनीबाई को कागज में मृत बताकर पेंशन बंद कर दी। जबकि मृत मोहनी बाई को जिंदा बताकर उसकी पेंशन चालू कर दी।
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अब नाती मनीष बैरागी ने सुनवाई नहीं होने पूरे मामले का वीडियो जारी कर दिया, जिससे नगर परिषद की फजीहत हो रही है। महिला के परिजन न्याय की मांग करते हुए कहा कि पहले नगर परिषद मोहनीबाई को कागजों में जिंदा करे। उसके बाद मामले में दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।