Love Relationship : रिश्तों के बीच हो बॉन्डिंग
Love Relationship : There should be bonding between relationships
Love Relationship : प्यार में जुनून (Passion in Love) एक हकीकत है। ऐसा प्यार जो ऑब्सेशन बन जाए, चाहे जाने वाले के लिए मारक बन जाता हैं। उसका जीना हराम कर देता है। इस थीम को लेकर न जाने कितने किस्से कहानी सीरियल मूवीज भी बन चुकी है। पति का प्यार (Husband’s love) पाना हर पत्नी की ख्वाहिश (Wife’s Wish) होती है लेकिन ऐसा प्यार जो पजेसिव हो, साथी को थोड़ी सी भी पर्सनल स्पेस न दे, दांपत्य में दरार डाल देता है।
ग्रो करने के लिए आजादी दें (Love Relationship)
अब इतना विश्वास तो आपको साथी पर होना चाहिए कि वो आपको धोखा नहीं देगा। रिश्तों के बीच इतनी बाॅन्डिंग होनी चाहिए कि विवाहेत्तर संबंधों की गुंजाइश न रहे। रिश्ता जहां मजबूत हो व्यक्ति पजेसिव (possessive person) नहीं होता बल्कि ग्रो करने के लिए दूसरे को पूरी आजादी देता है। जब वर्किंग गर्ल से शादी की है तो कुछ समझौते भी करने पड़ेंगे, कुछ सोच का दायरा विस्तृत करना होगा।

पार्टनर बच्चा नहीं (Love Relationship)
आपने एक मेच्योर पर्सन से विवाह (Marry a Mature Person) किया है जिसकी अपनी स्वतंत्रता इनडिविजुएलिटी (freedom individuality) है, व्यक्तित्व है। आप अपने को उस पर थोप कैसे सकते हैं। हर युवती सबमिसिव नहीं होती, यह स्वभावगत बात है लेकिन महज इसलिए आप ईगो को लेकर साथी को नीचा दिखाने की कोशिश न करने लग जाएं। साथी के इंटेलिजेंट कमेंट्स को महज अपने को सुपीरियर दिखाने के लिए नेगेट न करें। ये रिश्ता बराबरी का है, साझेदारी का है। यहां पजेसिव होने से काम नहीं चलेगा।
स्वाभिमान को हर्ट न करें (Love Relationship)
यदि आपके बीच कोई समस्या है तो वायलेंट होकर एक दूसरे पर हावी होने से कुछ हासिल नहीं होगा। आप दूसरे के स्वाभिमान को हर्ट ही करेंगे। अपना पक्ष रखना ही है तो कूल रहकर मजबूती से रखें। दूसरे के स्वाभिमान को चोट पहुंचाएंगे तो खुद भी चोटों के लिए तैयार रहें। इससे नतीजा यही होगा कि समस्या वहीं की वहीं रहेगी और क्लेश ऊपर से बढ़ जायेगा। मन में पार्टनर के लिए प्यार व रिसपेक्ट होगा जो दांपत्य की पहली शर्त है तो आप उसके स्वाभिमान को समझेंगे।

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दूसरे की तरक्की खुशी से स्वीकारें
दूसरे की तरक्की में अप्रत्यक्ष रूप से ही सही आपका भी योगदान है लेकिन कभी-कभी कि पार्टनर की तरक्की पति को रास नहीं आती। उसमें अनचाहे ही हीनभावना पनपने लगती है जिसे लेकर वे पत्नी को बात-बात में नीचा दिखाने उसका मनोबल तोड़ने की कोशिश में लगा रहता है। घर में कंपीटिशन का माहौल बन जाता है मानो एक दूसरे को मात देने की तैय्यारी हो जबकि पार्टनर को यह मोटी सी बात समझ लेनी चाहिए कि इस तरक्की से पूरा परिवार लाभान्वित होगा।
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शक का जहर न घुलने दें (Love Relationship)
शक तो आपके रिश्ते की बुनियाद ही हिला के रख देगा। जहां गहरा प्रेम रंग है, वहां कभी शक आ ही नहीं सकता लेकिन यह एक मनोरोग है, कब किसको जकड़ ले, कहा नहीं जा सकता। अक्सर यह बेबुनियाद और काल्पनिक होता है। पत्नी अगर कामकाजी है तो वो कलीग्स के साथ इंटरएक्ट करेगी ही।
अब ऐसे में किसी के साथ भी इसका नाम जोड़ के अफेयर चलाने की तोहमत लगाना सिर्फ अपनी हंसती खेलती जिंदगी को तबाह करने जैसा ही होगा। अगर पत्नी का अफेयर (wife’s affair) किसी के था या है तो जरूर आप दोनों के प्यार में ही कमी रही होगी। धैर्य और शांति से हर समस्या सुलझ भी सकती है। अन्य हिंसात्मक रवैय्यों से आप पार्टनर के मन में प्यार नहीं जगा सकते।

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अपने को जांचें परखें (Love Relationship)
यह सभी के लिये जरूरी है। जब तक आप समय-समय पर आत्मनिरीक्षण नहीं करेंगे अपने प्रेज्युडिसेज, ब्लाॅक्स व असुरक्षा की भावना को समझ नहीं पायेंगे। अपने को समय दें, मनन करें तथा रिश्ते की बारीकियों पर गौर करें।
धर्म और समाज से जुड़ाव आपको किसी भी तरह की ज्यादती करने से बचाता है। यह आप को जहां नियमित रखता है, संबल भी देता है। आस्था आपको नेगेटिव होने से बचाती है। गलत राह पर चलने से रोकती है। दूसरों के लिये कांसीडरेट बनाती है। योगा मेडिटेशन भी रिश्तों के लिये थेरेप्टिक हैं।
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अति पजेसिव होने से आप दूसरे को तो दुखी करते ही हैं, स्वयं भी खुश नहीं रह सकते। हाथ से सब कुछ फिसल जाने का भय व असुरक्षा आपका चैन जो हर लेते हैं।