Relationship Tips : आखिर क्यों खोता जा रहा है सच्चा प्यार
Relationship Tips: Why is true love getting lost?
Relationship Tips : प्यार वह एहसास है जिसके जीवन में होने से हर चीज़ में एक अजीब सा नयापन नज़र आता है। प्यार करने वालों के चेहरे पर एक चमक व ताज़गी हर समय दिखती है। प्यार करने वालों को दुनिया में हो रही घटनाओं के बारे में भी कुछ नहीं पता नहीं होता क्योंकि उन्हें तो बस अपने महबूब से अगले दिन मिलने की उत्सुकता जो हो रही होती है।
यही दो प्यार करने वाले दिल जब शादी के पवित्र बंधन में बंधते हैं तो शुरूआती कुछ दिनों के बाद ही प्यार का स्वरूप बदल जाता है। प्यार का वह अहसास दोनों को एक बोझ के समान प्रतीत होने लगता है। एक दूसरे के साथ हज़ारों तरह के क़समें वादे खाए हुए यह प्रेमी-प्रेमिका पति-पत्नी बनते ही दूर क्यों हटते प्रतीत होते हैं।
ऐसे कई उदाहरण हमें आम जिंदगी में देखने को मिल जाएंगे कि शुरूआती प्यार के बाद कलहपूर्ण जिंदगी व्यतीत होने लगी हो। अधिकतर लव मैरिज का हाल शादी के बाद कुछ ज़्यादा अच्छा नहीं होता। प्रेम का वह स्वरूप कहां खोता जा रहा है ? आखिर ऐसा क्यों होता है, क्या हमने कभी महसूस किया है।
बदलाव को महसूस करें (Relationship Tips Wife-Husband)
शादी से पहले और बाद में फर्क़ होता है क्योंकि शादी से पहले तो आप और आपका हमसफर कम और कभी-कभी ही मिल पाते थे। वह साथ आपको शायद ज़्यादा अच्छा लगता होगा क्योंकि उस समय आपको कम समय में ढेर सारी बातें करनी होती होंगी पर आज जब आप शादी-शुदा जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो हर समय का साथ है और ऐसे में कोई सदा खु़श तो नहीं रह सकता है।
नए शादी-शुदा जोड़े सपनों की दुनिया में रहते हैं पर जब धीरे-धीरे वे धरातल पर आते तो उन्हें शादी से पहले अच्छे लगने वाला साथ हर रोज़-रोज़ की सिरदर्द की तरह लगता है। ऐसे में उन्हें चाहिए कि वे एक बदलाव के लिए तैयार रहें और जीवन की वास्तविकता को समझें।
अपने साथी को संपूर्णता की प्रतिमूर्ति न समझें
विवाह से पहले और विवाह के बाद की स्थिति बिल्कुल अलग होती है। विवाह से पहले वाले प्रेमी-प्रेमिका का साथ कुछ पलों का होता है पर विवाह के बाद साथ रहते हुए एक दूसरे के बारे में ऐसी कई बातें पता चलती हैं जिनका पता शादी के पहले नहीं होता। हम में से कोई पूर्ण नहीं होता। हम सब के अंदर मिली जुली वस्तुओं का समावेश होता है। हम सभी में कुछ अच्छी और कुछ बुरी आदतें होती हैं।
विवाह के बाद पत्नियां यह सोचती हैं कि उनका पति वैसे ही करे जैसे वे चाहें तो यह सरासर गलत है। हम सभी की अपनी-अपनी सोच है। हम अपनी बात सामने वाले पर थोप नहीं सकते। अपने पार्टनर को संपूर्णता की प्रतिमूर्ति न समझें क्योंकि आखिर हैं तो हम सब इंसान और हम सब में कोई न कोई कमी है।
शादीशुदा जिंदगी का लुत्फ (Married Life Tips)
शादीशुदा जिंदगी का लुत्फ कुछ समय का ही होता है। उसके बाद तो ज़िंदगी एक ही ढर्रे पर चलने लगती है। समय कभी एक सा नहीं रहता। अगर आपका आज खुशगवार है तो कल नहीं भी हो सकता है। हर दिन होली और हर रात दीवाली नहीं होती।
विवाह के शुरू में हर जोड़े को बाहर घूमने का सुअवसर मिलता है पर कुछ पल के बाद जब यह घूमने फिरने का सफर ख़त्म होता है और ज़िंदगी एक रूटीन की तरह चलने लगती है उसके साथ ही शुरू होती है तक़रार जो होती है विचारों के आपस में न मिलने से।
एक दूसरे को स्वतंत्राता दें
पत्नी चाहती है कि पति घर टाइम पर आए और पति को अपने व्यस्त शेड्यूल से छुट्टी ही नहीं मिलती कि घर आए। इस तरह से दोनों के बीच में दूरियाें का आना लाज़िमी ही है। शादी करने का यह मतलब क़तई नहीं कि आप एक दूसरे के साथ हर समय रहने के लिए बाध्य हैं।
‘मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है‘ यह कहावत सत्य है क्योंकि हम सबका अपना अपना सोशल सर्किल होता है। शादी के बाद एक लड़का लड़की नए रिश्तों में बंधते हैं। इन रिश्तों के साथ पुराने रिश्तों की भी उतनी ही अहमियत होती है।
रिश्तों में सामंजस्य (Relationship Tips)
दोनों तरफ के रिश्तों में सामंजस्य बैठाना यूं तो मुश्किल होता है पर थोड़ी सी सूझबूझ के साथ अगर दोनों काम लें तो यह मुश्किल आसान हो जाएगी। पति पत्नी को एक दूसरे से यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि वे केवल एक तरफ के रिश्तों की ही कद्र करें। दोनों को ही सारे रिश्तों का सम्मान करना चाहिए।
Relationship Tips : पति-पत्नी संबंध, कद्र करें एक दूसरे की भावनाओं की
पत्नियों को लगता है कि ‘अमुक रिश्तेदार के आने से पति को खुशी होती है और पतियों को लगता है कि फलां रिश्तेदार के यहां आने से उनकी पत्नी खुशी से फूली नहीं समा रही है। यह ऐसी कुछ धारणाएं है जो पति-पत्नी के मन में होती हैं जो सरासर गलत होती हैं। अपने पार्टनर को रिश्तों के बंधनों से इतना न बांधने की कोशिश करें कि उनमें दरार पड़ जाए।
अपने अहम को प्यार में रोड़ा न बनने दें
शादी के कुछ दिनों तक तो हम एक दूसरे का हर बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा ख्याल रखते हैं पर जैसे-जैसे वक़्त गुज़रता है, मेंहदी का रंग उतरता है, शादी की चमक फीकी पड़ती है, वैसे-वैसे पति-पत्नी का रवैया भी बदलता जाता है और साथ ही आती हैं परेशानियां अहम की।
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ज़्यादा से ज़्यादा से करने की भावना
सबसे अच्छा और सरल तरीक़ा यह है कि एक दूसरे के लिए ज़्यादा से ज़्यादा से करने की भावना अपने अंदर जगाए रखना। अहम की समस्या विवाहित जीवन में धीरे-धीरे अपनी जड़ें फैलाती हैं और एक दिन तो नौबत यहां तक आ जाती है कि मामला तलाक़ तक पहुंच जाता है। इस समस्या से निबटने का तरीका है कि आपको एक दूसरे की भावना की कद्र करनी चाहिए और एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
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अपने पार्टनर की अवहेलना न करें
घर की मुर्गी दाल बराबर‘ ज़्यादातर पति इसी कहावत को आम जीवन में अपनी-अपनी पत्नियों के ऊपर चरितार्थ करते नजर आते हैं। माना कि दो पल का साथ जब जिंदगी भर का साथ बन जाता है तब रिश्तों में वह ताज़गी नहीं रहती पर फिर भी थोड़े प्यार और धीरज से अगर काम लिया जाए तो रिश्ते खुद-ब-खुद ही समय के साथ ठीक हो जाते हैं।