Ajmer Sharif Dargah Survey : क्या अब अजमेर दरगाह का भी होगा सर्वे ? जानें कब है अगली सुनवाई
Ajmer Sharif Dargah Survey 2024 : बुधवार को न्यायालय में राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के सर्वे मामले को लेकर फिर सुनवाई हुई। न्यायालय ने वाद स्वीकार कर लिया है। अगली सुनवाई अब 5 दिसंबर को होगी। मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट में हुई।
नोटिस जारी करने के आदेश
आपको बता दें कि विष्णु गुप्ता की याचिका पर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय को नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए हैं। विष्णु गुप्ता हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस मामले में सुनवाई मंगलवार को हुई थी। हिंदू सेना ने ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह को लेकर चौंकाने वाला दावा किया था। उनका कहना है कि यहां भगवान शिव का मंदिर था जिसको तोड़कर दरगाह बनाई गई है।
हिंदू सेना द्वारा एक किताब (हरविलास शारदा की पुस्तक) को भी कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया है। जानकारी के अनुसार यह किताब 1910 में पब्लिश हुई थी। इस किताब के बारे में हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि इसमें दरगाह की जगह मंदिर होने का जिक्र है। इसके बाद न्यायालय ने मामले में 27 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की थी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से इसका सर्वे करवाने की मांग हिंदू सेना के द्वारा की गई है। अगर कोर्ट ने आदेश दिया तो उत्तर प्रदेश के संभल के बाद यहां भी सर्वे हो सकता है। दायर याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि यहां एएसआई से सर्वे करवाया जाए। दरगाह की मान्यता को तुरंत रद्द कर मंदिर में हिंदुओं को पूजा करने के अधिकार दिए जाएं।
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने विश्वास जताया कि इस मामले में उनके पक्ष में फैसला आएगा।दरगाह के पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया गया है। सर्वे होगा या नहीं इसका फैसला कोर्ट करेगी। हिंदू सेना ने कहना है कि दरगाह की जगह पर मंदिर थाए इसलिए इसे मंदिर घोषित किया जाए।
हजार बीघा पर अतिक्रमण का जाल
ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के पिछले क्षेत्र में विभिन्न विभागों की ओर से संयुक्त सर्वे की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस सर्वे के माध्यम से वन विभाग. नगर निगम. अजमेर विकास प्राधिकरण और निजी खातेदार की जमीन को चिन्हित किया गया। 20 वर्ष पहले भी क्षेत्र में सर्वे की कार्रवाई की गई थी, लेकिन भारी विरोध के चलते सर्वे की कार्रवाई को रोक दिया गया था।
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लेकिन इस बार भाजपा सरकार में दरगाह संपर्क सड़क से लेकर अंदरकोट और आमा बावड़ीए मीठे नीम की दरगाह और तारागढ़ पर लक्ष्मी पोल गेट तक सर्वे किया गयाण् इसमें 700 बीघा के लगभग वन विभागए 300 बीघा के करीब नगर निगम और 3 बीघा एडीए की भूमि चिन्हित की गई हैण् सर्वे में शामिल वन विभाग की टीम ने अपने क्षेत्र पर निशान भी लगाए है।
ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह
राजस्थान राज्य के अजमेर में स्थित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यह दरगाहए पिंकसिटी जयपुर से करीब 135 किलोमीटर दूरए चारों तरफ अरावली की पहाड़ियों से घिरे अजमेर शहर में स्थित है। अजमेर शरीफ की दरगाह के नाम से यह पूरे देश में प्रसिद्ध है।
सर्वधर्म सद्भाव की अदभुत मिसाल है दरगाह
इस दरगाह से सभी धर्मों के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इसे सर्वधर्म सद्भाव की अदभुत मिसाल भी माना जाता है। ख्वाजा साहब की दरगाह में हर मजहब के लोग अपना मत्था टेकने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी ख्वाजा के दर पर आता है कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता हैए यहां आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है।
नामचीन और मशहूर शख्सियतों ने अपना मत्था टेका
ख्वाजा की मजार पर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरूए बीजेपी के दिग्गत नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, देश की पहली महिला पीएम इंदिरा गांधी, बराक ओबामा समेत कई नामचीन और मशहूर शख्सियतों ने अपना मत्था टेका है। इसके साथ ही ख्वाजा के दरबार में अक्सर बड़े-बड़े राजनेता एवं सेलिब्रिटीज आते रहते हैं और अपनी अकीदत के फूल पेश करते हैं एवं आस्था की चादर चढ़ाते हैं।
Ajmer Sharif Dargah का निर्माण
इतिहासकारों की माने तो सुल्तान गयासुद्दीन खिलजी ने करीब 1465 में अजमेर शरीफ की दरगाह का निर्माण करवाया था। वहीं बाद में मुगल सम्राट हुंमायूंए अकबरए शाहजहां और जहांगीर ने इस दरगाह का जमकर विकास करवाया। इसके साथ ही यहां कई संरचनाओं एवं मस्जिद का निर्माण भी किया गया।
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इस दरगाह में प्रवेश के लिए चारों तरफ से बेहद भव्य एवं आर्कषक दरवाजे बनाए गए हैं जिसमें निजाम गेटए जन्नती दरवाजाए नक्कारखाना (शाहजहानी गेट), बुलंद दरावजा शामिल हैं। इसके अलावा ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के अंदर बेहद सुंदर शाह जहानी मस्जिद भी बनी हुई है।