Yoga Tips : सेहत के साथ-साथ बुद्धि के लिए उपयोगी है वज्रासन
Yoga Tips: Vajrasana is useful for health as well as intelligence.
Yoga Tips : बलवान और सुंदर शरीर कौन नहीं चाहता। इसलिए यदि कोई ऐसा उपाय हो जिससे बल और सौन्दर्य के साथ-साथय स्वास्थ्य व बुद्धि का विकास भी हो तो क्या कहने। स्थिर बुद्धि बलवान शरीर और अच्छा स्वास्थ्य एक कामयाब जीवन की कुंजी हैं और यह सब एक साथ पाने के लिये योग में वज्रासन का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है। वज्रासन का अर्थ है बलवान स्थिति। पाचन शक्ति, वीर्य शक्ति तथा स्नायु शक्ति देने वाला यह आसन वज्रासन कहलाता है।
वज्रासन (Vajrasana Yoga) करने की विधि
बिछे हुए आसन पर दोनों पैर को घुटनों से मोड़कर दोनों एड़ियों पर बैठ जायें। पैर के दोनों अंगूठे परस्पर लगे रहें। पैर के तलुवों के ऊपर नितम्ब को टिका लें। कमर और पीठ बिल्कुल सीधी रही। दोनों हाथ को कुहनियों से मोडे़ बिना घुटने पर रख दें। हथेलियां नीचे की ओर रहे। दृष्टि सामने स्थिर कर दें। पांच मिनट से लेकर आधे घण्डे तक वज्रासन का अभ्यास कर सकते है। वज्रासन लगाकर पीछे की ओर लेट जाने पर जो स्थिति होती है उसे सुप्त वज्रासन कहते है।
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Yoga Tips : वज्रासन से होने वाले लाभ
वज्रासनय के अभ्यास से शरीर का मध्यभाग सीधा रहता है। श्वास की गति मन्द पड़ने से वायु बढ़ती है। आंखो की ज्योति तेज होती है। वज्रनाड़ी अर्थात् वीर्यधारा नाड़ी मजबूत होती है। वीर्य की ऊध्र्वगति होने से शरीर वज्र जैसा शक्तिशाली बनता है। लम्बे समय तक सरलता से आसन कर सकते है। ऐसा करने से मन की चंचलता दूर होकर व्यक्ति स्थिर बुद्धि वाला बनता है। शरीर में रक्ताभिसरण अर्थात् रक्त का प्रवाह ठीक प्रकार से होकर शरीर निरोगी एवं सुन्दर बनता है।
Yoga Tips : पाचनशक्ति तेज होती है
भोजन के बाद इस आसन में बैठने से पाचनशक्ति तेज होती है, और भोजन आराम से व जल्दी हजम होता है। पेट की वायु का नाश होता है। कब्ज दूर होकर पेट के तमाम रोग नष्ट होते हैं। पीलिया से मुक्ति मिलती है। रीड़, कमर, जांघ, घुटने और पैरों में शक्ति बढ़ती है। कमर और पैर का वायु रोग दूर होता है।
स्मरण शक्ति में वृद्धि
स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। स्त्रियों के मासिक धर्म की अनियमितता जैसे रोग दूर होते हैं। शुक्रदोष (ऐसी स्थिति जब शुकाणु कम या बिल्कुल न बनते हों), वीर्यदोष, घुटनों का दर्द आदि से निजात मिलती है। स्नायु पुष्ट होते हैं। स्फूर्ति बढ़ाने के लिये एवं मानसिक निराशा दूर करने के लिये यह आसन अत्यंत उपयोगी सि़द्ध होता है।
Vajrasana Yoga : ध्यान लगाने के लिये भी अति उत्तम
ध्यान लगाने के लिये भी यह आसन अति उत्तम है। इसके अभ्यास से शारीरिक स्फूर्ति एवं मानसिक प्रसन्नता प्रकट होती है। दिन-प्रतिदिनय शारीरिक एवं मानसिक शक्ति का संचय होता हैं। यही कारण है कि इस आसन के निरंतर प्रयास से शारीरिक बल में खूब वृद्धि होती है।
Kidney Diseases : गुर्दे के रोगों से बचाता है कटिपिण्डमर्दनासन
काग का गिरना अर्थात् गले में टान्सिल होने पर, हड्डियों के पोल आदि स्थानों में उत्पन्न होने वाले श्वेतकण की संख्या में वृद्धि होने से आरोग्य का साम्राज्य स्थापित होता है। फिर व्यक्ति बुखार से, सिरदर्द से, कब्ज से, मन्दाग्नि या अजीर्ण जैसे छोटे-मोटेय किसी भी रोग से पीड़ित नहीं रहता क्योंकि रोग, आरोग्य के साम्राज्य में प्रविष्ट होने का साहस ही नहीं कर पाते। कहने का तात्पर्य यह है कि वज्रासन के निरन्तर अभ्यास से शरीर का इम्यून सिस्टम (body’s immune system) शक्तिशाली बनता है जिससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।