How to lower your cholesterol : अब असानी से करें अपने शरीर का कोलेस्ट्राॅल कम, जानें कैसे
How to lower your cholesterol : Now reduce your body's cholesterol easily, know how

How to lower your cholesterol : शरीर के रक्त में दो प्रकार का कोलेस्ट्राॅल होता है एल डी व एच डी एल। एल डी एल यानी खराब कोलेस्ट्राॅल। यह वसा का वह थक्का होता है जो नसों की दीवार पर चिपक जाता है और उन्हें सख्त बना देता है। थक्के की वजह से रक्त नलिका संकरी हो जाती है जिसका परिणाम रक्त नलिकाओं से रक्त का प्रवाह उचित रूप से नहीं होता। हम जितना एच डी एल यानी अच्छा कोलेस्ट्राॅल अपने भोजन में शामिल करेंगे उतना कम एल डी एल कोलेस्ट्राॅल का स्तर रक्त में रह पाएगा। वैसे हम दवा लेकर भी अपना कोलेस्ट्राॅल नियंत्राण में रख सकते हैं पर साथ में उचित भोजन और नियमित व्यायाम भी जरूरी है।
रक्त में कोलेस्ट्राॅल का बढ़ना आधुनिक जीवनशैली की देन है। आज के भागदौड़ के वातावरण में न तो लोग अपना खान-पान ठीक रख सकते हैं और न ही नियमित व्यायाम। तनाव भरे वातावरण में काम करना व ठीक समय पर भोजन न करना आदि इसके कारण हैं।
जिन लोगों की नौकरी या व्यापार ऐसे हैं कि वे नियमित व्यायाम के लिए समय तो निकाल नहीं सकते उन्हें अवकाश वाले दिन व्यायाम अवश्य करना चाहिए और खान पान में परिवर्तन कर अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना चाहिए जैसे मैदे की ब्रेड के स्थान पर वीट ब्रेड या मल्टीग्रेन ब्रेड का सेवन कर स्नैक्स के स्थान पर फल और स्प्राउटस का सेवन, कोल्डड्रिंक के स्थान पर नींबू पानी या साधारण पानी लेकर, और चाय, काॅफी के स्थान पर ग्रीन टी लेकर। ये विकल्प चुन कर वे अपने बढ़े हुए कोलेस्ट्राॅल को नियंत्रित कर सकते हैं।
कोलेस्ट्राॅल अधिक होने पर क्या खाएं (Cholesterol home remedies)
सूखे मेवे अखरोट, बादाम और पिस्ता खाने से एल डी एल कोलेस्ट्राॅल का स्तर घट जाता है। अखरोट खाने से दिल को संभावित खतरों से बचाया जा सकता है। इन सूखे मेवों में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीआक्सीडेंट्स होने से वसायुक्त भोजन में मौजूद सैचुरेटेड फैट्स आर्टरीज को होने वाले नुक्सान की भरपाई करते हैं।
सब्जी में प्रयोग होने वाले तेल
सब्जी हम लोग रिफाइंड तेल, शुद्ध घी, वनस्पति घी या सरसों के तेल में पकाते हैं। हमें एक ही तेल पर निर्भर नहीं होना चाहिए। हर माह तेल बदल बदल कर प्रयोग में लाना चाहिए। खाद्य तेलों का सेवन कम कर देना चाहिए। ऐसे में नाॅन स्टिक कुक वेयर, माइक्रोवेव आदि का प्रयोग अधिक करना चाहिए। हमें खाद्य तेलों में मूंगफली का तेल, तिल का तेल, सोयाबीन, सरसों का तेल और राइस ब्रान प्रयोग में लाना चाहिए। वैसे आलिव आयल खाद्य तेलों में काफी अच्छा होता है पर महंगा होने के कारण सब वर्ग के लोग इसका प्रयोग नहीं कर पाते हैं।
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अलसी के बीज
अलसी के बीज खाने से भी उच्च रक्तचाप पर नियंत्राण होता है। अध्ययन के अनुसार जिन मध्य आयु वर्ग के पुरूषों ने 8 ग्राम अलसी के बीज नियमित रूप से खाए उनका रक्तचाप नियंत्रित रहा। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं।
साबुत अनाज
साबुत अनाजों में अंकुरित दालें, अनाज और दलिया आते हैं। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार जो लोग नियमित रूप से अंकुरित दालों व दलिये का सेवन करते हैं उनकी रक्त नलिकाओं में मोटापन आने की गति कम हो जाती है और आर्टरीज लचीली रहती हैं। जितनी आर्टरीज लचीली रहेंगी उतना दिल और दिमाग के दौरे का खतरा कम होता है, इसलिए अपने भोजन में उन्हें प्रमुख स्थान दें।
दही
दही हमारे खराब कोलेस्ट्राॅल को कम करता है। दही सभी वर्गों की पहुंच में है। अपने भोजन में दही को उचित स्थान देकर नियमित इसका सेवन करें ताकि अपनी रक्त नलिकाओं को संकरा होने से बचा सकें और भविष्य में होने वाले खतरों से दूर रह सकें।
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ओट्स
ओट् जई के नाम से जाना जाता है। इसमें बीटा ग्लूकेन रसायन होने के कारण एल डी एल हमारी रक्त नलिकाओं में जमता नहीं है। ओट् ब्राॅन को हम गेहूं के आटे में मिलाकर खा सकते हैं, दलिये के रूप में भी खा सकते हैं और ओट्स फ्लेक्स को दूध में मिलाकर ब्रेकफाॅस्ट सीरियल के रूप में ले सकते हैं।
इनके अलावा सोयाबीन और अनार के रस का नियमित सेवन करते रहना चाहिए जो रक्त में थक्के बनाने की प्रक्रिया को कम करते हैं।
इस प्रकार अपने खान पान और जीवन शैली में पहले बदलाव लाएं और समय समय पर रक्त जांच करवाते रहें फिर भी कोलेस्ट्राल नियंत्रित न हो तो डाॅक्टर से परामर्श कर दवा का सेवन प्रारंभ करें। फिर भी सही अंतराल में रक्त जांच करवाना न भूलें।
इसे चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने इलाज करने वाले चिकित्सक से परामर्श लें।