Massage Benefits : जानें कैसे मालिश हमारे शरीर के लिए है फायदेमंद

Massage Benefits: Know how massage is beneficial for our body

Massage Benefits: Know how massage is beneficial for our body

Massage Benefits : मालिश एक ऐसा तरीका है जिससे हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। प्रकृति की चेतन गतिविधियां हमारे जीवन की धड़कनों को निरंतर स्पंदित करती रहती है। जीवन प्रकृति का सौंदर्य है जो नदियों के कलकल संगीत, कलियों की चटकती कामना, फूलों की मदमाती खुशबू, तितली के चटख रंगों, भौरों की आर्त तानों, हिरण छौनों के कूदते-उछलते कदमों और मनुष्य के विचार-प्रश्नों में सहज ही देखा जा सकता है।

स्वास्थ्य को जीवन की आभा माना जाता है लेकिन जहां स्थूल रूप से जड़ और चेतन में बंटी प्रकृति की हर कृति अपने सहज जीवन प्रवाह में लयबद्धता से जी रही है वहीं ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति मनुष्य प्रकृति के आंचल को छोड़कर कृत्रिम प्रपंच में फंसकर शारीरिक-मानसिक पीड़ा के दलदल में स्वयं ही फंसता जा रहा है।

मनुष्य जाति में बीमारियों की त्रासदी और बुढ़ापे पर मंडराते मौत के साये से जीवन कई बार विष-घूंट पीने जैसा हो जाता है। सम्पूर्ण जीवन अप्राकृतिक आहार-विहार अपनाने, श्रम की उपेक्षा करने और तनाव भरी जीवन शैली के कारण अपने कुदरती हक को खो बैठा है लेकिन क्या वर्तमान परिस्थितियों से समझौता भर कर लेना ही बुद्धिमानी है?

मनुष्य की बुद्धि ने जब-जब अपने बड़प्पन का अधिकार छोड़ा है, उसके अंतः करण ने उसे प्रकृति का आंचल फिर से पकड़ने का मार्ग दिखाया है। क्या हम उस वात्सल्य से फिर से जुड़ सकते है ? क्या पूरी जीवन पद्धति को बदलने के सिवाय कोई और रास्ता नहीं? रास्ता है। अगर हम शरीर में पहुंचे विषों को बाहर फेंकने की क्रिया को तेज कर सकें तो काफी फर्क पड़ सकता है। खोयी हुई तंदुरूस्ती फिर से हासिल हो सकती है।

अंग संचालन की मेहनत का भार

बीमार व्यक्तियों एवं बूढ़ों की एक बड़ी कठिनाई यह होती है कि अंग संचालन की मेहनत का भार न उठा पाने के कारण वे जकड़ और अकड़ जाते हैं। हर अवयव में लगातार पोषण के साथ-साथ विष बाहर निकालने की क्रिया चलती रहती है। पोषण से शरीर की रक्षा होती है पर विषों को बाहर निकालने का कार्य इससे भी अधिक जरूरी होता है। इससे इन दोनों ही क्रियाओं को समान महत्त्व देना पड़ता है।

‘एन्टीबायटिक्स‘ औषधियों का ही इस्तेमाल

शरीर को पोषण देने के लिए हम लगातार जुटे रहते हैं। परिवार वाले एवं चिकित्सक भी इस ओर ध्यान देते हैं पर मलों को निकालने के सरल और उपयुक्त तरीके खोजने की ओर हम कम ही सोच पाते हैं। एनिमा जैसे विरेचन और भाप द्वारा पसीना निकालने जैसे उपायों को प्रायः प्रयोग में नहीं लाया जाता। शरीरगत विषों को दवा देने के लिए हम अधिकांशतः ‘एन्टीबायटिक्स‘ औषधियों का ही इस्तेमाल करते हैं और इकट्ठे विष अंततः किसी अन्य बीमारी के रूप में फूट पड़ते हैं।

शरीर की सफाई की ओर ध्यान

वस्त्र, घर, बिस्तर आदि की सफाई हम नित्य करते हैं परन्तु शरीर की सफाई की ओर हम यथेष्ट ध्यान नहीं दे पाते। हमें शरीर के अदंर जमा मलों को बाहर निकालने के भी उपाय करने चाहिए। ऐसे उपायों में शारीरिक परिश्रम और कसरत को ही प्रमुखता दी जाती है, परन्तु बूढ़े, दुर्बल या कमजोर व्यक्ति इन्हें कर सकने की स्थिति में नहीं होते। अफसर, व्यस्त व्यापारी और बुद्विजीवी तबके के लोग आमतौर पर मेहनत को हेय दृष्टि से देखते हैं। बागवानी जैसे उपयोगी शौक को भी अपनाना वे अपनी हेठी समझते हैं।

जीवन शक्ति है मालिश (Massage Benefits)

इस प्रकार की मानसिकता वाले लोगों के लिए सुलभ उपाय है मालिश। मालिश जीवन शक्ति है जो पुनर्यौवन के लिए अत्यावश्यक है। इसे काफी हद तक जहां तक हाथ पहुंच सके और क्षमता काम दे सके, वहां तक स्वयं करने का कुछ नियम बना लेना अच्छा होता है। बीमारी की अवस्था में बिस्तर पर लेटे-लेटे भी हाथ-पैरों को चलाने या मालिश करने जैसी क्रिया की जा सकती है। जिनको सहयोग मिल सकता हो, वे अपनी मालिश दूसरों से भी करा सकते हैं।

कमजोर व्यक्तियों की मालिश का तरीका

कई व्यक्ति मालिश इसलिए नहीं करना चाहते कि उनके कपड़े और बिस्तर तैल के कारण मैले हो जायेंगे। कमजोर व्यक्तियों की मालिश का तरीका वैसा ही होना चाहिए जैसे छोटे बच्चे की मांसपेशियां हिलाने-डुलाने के लिए उनकी माता काम में लाती हैं। यह तरीका वृद्ध व्यक्तियों के लिए भी काम में लाया जा सकता है। कम तेल लगाने से वह रगड़ने पर चमड़ी में ही सूख जाता है, जबकि अधिक तेल लगाने के बाद साबुन और गर्म पानी से नहाने से चिकनाई का असर नहीं रहता।

शरीर की मांसपेशियों में उत्तेजना

सूखी मालिश के लिए पिसा हुआ सीप स्टोन काम में लाया जा सकता है। कमजोर शरीर के व्यक्तियों के लिए अधिक दबाव की मालिश उपयुक्त नहीं होती। उनके लिए सारे शरीर की मांसपेशियों में उत्तेजना भर देना काफी होता है। आमतौर से मालिश करते हुए छोरों को हृदय की ओर हाथों को चलाया जाता है पर दांयें-बांयें ऐंठने-मरोड़ने की क्रिया में कोई हर्ज नहीं। मालिश का उद्देश्य यही होता है कि मांसपेशियों की जड़ता दूर हो और उनमें हलचल पैदा हो, जिससे रक्त संचार तेजी से हो सके। फेफड़े, गुर्दे, जिगर, पेट, हृदय आदि में सक्रियता आ सके।

मालिश के विज्ञान का विधिवत् विकास

विदेशों में मालिश के विज्ञान का विधिवत् विकास हुआ है और कौशलों का शिक्षण देने के कई केन्द्र स्थापित किये गये हैं। ईसा से 500 वर्ष पूर्व ‘हिप्पोक्रेटस‘ ने मालिश की कला का विकास किया था। कोलंबिया के मारेक ने अपने शोध ग्रंथ ‘दि बुक ऑफ मसाज‘ में इस विषय पर बहुत गहराई से चर्चा की और उन लोगों के विषय में लिखा जो इस आधार पर रोगमुक्त हुए और बलिष्ठ बने।

मालिश की पद्धति (Massage Method)

विख्यात चिकित्सकों के अनुसार शारीरिक एनाटाॅमी में रक्त नलिकाओं और तंत्रिका तंतु के अलावा एनर्जी चैनल्स भी होते हैं जिनमें प्राण ऊर्जा का आवागमन होता रहता है। इसके प्रवाह में रूकावट आने पर स्वास्थ्य गड़बड़ाने लगता है और प्राण-प्रवाह अपने मार्ग में सहजता से बहने लगता है। स्वीडन मैं हैंसिक, जापान में सियात्सु नामक मालिश की पद्धति काफी प्रचलित है। अमेरिका में भी मालिश से रोगों की चिकित्सा सिखाने के कई शिक्षण केन्द्र चलाये जा रहे हैं। मालिश एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से पुनर्यौवन की प्राप्ति सहज ही की जा सकती है।

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मालिश के लाभ (Massage Benefits )

मालिश के बहुत सारे लाभ हैं, जैसे कि:

शारीरिक लाभ

  • मालिश से शारीरिक तनाव कम होता है।
  • शारीरिक दर्द का समाधान होता है।

मानसिक लाभ

  • मालिश से मानसिक चिंता कम होती है।
  • ध्यान और आत्मविश्वास में सुधार होता है।

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अक्सर पूछे जाने सवाल (FAQs)

Question : मालिश कितनी बार करनी चाहिए?

Answer : हर हफ्ते कम से कम एक बार करना चाहिए।

Question : क्या स्वेदनीय मालिश सर्दियों में भी की जा सकती है?

Answer : हां, स्वेदनीय मालिश सर्दियों में भी की जा सकती है, लेकिन सावधानी बरतनी चाहिए।

Question : क्या मालिश से तंतुरंत राहत मिलती है?

Answer : नहीं, मालिश के प्रभाव को महसूस करने में कुछ समय लग सकता है।

Question : क्या हाथों की मालिश करना उतना ही फायदेमंद है जितना पेशाब करना?

Answer : हाँ, हाथों की मालिश करना भी हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, परंतु यह इसके स्थानीय फायदों को नकारात्मक नहीं करता।

Question : क्या मालिश करने के लिए खास उपकरण आवश्यक हैं?

Answer : खास उपकरण नहीं आवश्यक होते हैं, लेकिन मालिश तेल और एक मालिश बेड या मात्रा की आवश्यकता होती है।

आलेख

R. Singh

Name: Rina Singh Gender: Female Years Of Experience: 5 Years Field Of Expertise: Politics, Culture, Rural Issues, Current Affairs, Health, ETC Qualification: Diploma In Journalism

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