Best Diwali Story for Kids : माता लक्ष्मी का वरदान1
Best Diwali Story for Kids: Blessing of Goddess Lakshmi
Best Diwali Story for Kids : बहुत समय पहले प्रेमपुर नाम का एक छोटा सा गांव था। गांव के सारे लोग बड़े मेहनती, मिलनसार, धर्म कर्म वाले और दयालु थे। उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही उनके खेतों में हर साल हरी भरी फसल लहराती थी। इतना अनाज पैदा होता था कि गांव का हर परिवार खुशी से जीवन व्यतीत कर रहा था। दूध-घी, अन्न, दालें, साग सब्जी किसी भी चीज की कमी नहीं थी।
एक दिन दीपावली से दो दिन पूर्व लक्ष्मी जी उस गांव में आई। उन्होंने गांव के मुखिया से कहा- हे प्रेमपुर गांव के मुखिया। मैं इस गांव के लोगों की कड़ी मेहनत, सच्चाई, दयालुता, मिलनसारिता और भाईचारे से अत्यंत प्रभावित और प्रसन्न हूं। अतः मैं दीपावली ( Diwali) के दिन मध्यरात्रि में यहां आकर गांव के हर परिवार की मनचाही इच्छा पूरी करूंगी। कहकर लक्ष्मी जी अंतर्धान हो गईं।
दीपों की दीपमाला सजाई (Best Diwali Story for Kids)
मुखिया ने गांव में ढिंढोरा पिटवा दिया कि गांव के सारे लोग दीपावली के दिन घरों में दीप जलाकर, पूजा अर्चना करके मध्यरात्रि से पहले पंचायत घर की चैपाल पर इकट्ठे हो जायें। मध्यरात्रि में मां लक्ष्मी आकर सबको मनचाहा वरदान देगी। फिर क्या था। गांव वालों ने दीपावली के दिन पिछले वर्षों से भी अधिक दीपों की दीपमाला सजाई। सारा गांव दीयों के प्रकाश में नहा उठा।
लक्ष्मी जी प्रकट हुई (Best Diwali Story for Kids)
मध्यरात्रि में हीरे मोती जड़ित ताज पहने और सोने के आभूषणों से लदी लक्ष्मी जी प्रकट हुई। सबने नतमस्तक होकर लक्ष्मी जी को शीश नवाया। लक्ष्मी ने आर्शीवाद के लिये अपना दाहिना हाथ ऊपर उठाया और बोली, ’मैं तुम लोगों से अति प्रसन्न हूं। जिसे जो मांगना है, एक एक करके मेरे सामने आये और अपनी इच्छानुसार जो चाहे मांगे।‘
फिर क्या था, सबसे पहले मुखिया आया, बोला मैया, यह मेरा गेहूं भरने का ड्रम है, इसे सोने चांदी से भर दो। लक्ष्मी मां ने कहा -तथास्तु। देखते ही देखते ड्रम सोने चांदी के आभूषणों से भर गया। इसी तरह सारे गांव वाले एक एक करके सामने आये, सबने सोने चांदी के सिक्के और आभूषण मांगे। लक्ष्मी मां ने सबको सबकी इच्छा के अनुसार दे दिया और चली गई।
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सबसे धनवान गांव (Best Diwali Story for Kids)
सारा गांव रातों रात आस पास के इलाकों में सबसे धनवान गांव बन गया। हर आदमी के पास धन की कोई कमी नहीं थी।
किसी ने सच ही कहा है कि जब हराम की कमाई आती है तो हराम के कामों में ही चली भी जाती है। जब गांव वालों के पास भरपूर धन दौलत आ गई तो उनमें अहंकार आ गया। भाईचारा समाप्त हो गया। व्यर्थ के खर्चे और व्यसन बढ़ गये। ब्याह-बारातों में खुलकर खर्च होने लगा। लोग निकम्मे और आलसी हो गये।
धरती उदास हो गई (Best Diwali Story for Kids)
खेती-बाड़ी करना उनके बस के बाहर की बात हो गई। खेतों में जंगली घास और झाड़ झंखाड़ उग आये। सोना उगलने वाली धरती उदास हो गई। शहर के व्यापारी गांव में आकर गांव वालों की जरूरत की चीजें महंगे दामों पर बेचने लगे। अनाज, दालें, गुड़, घी, दूध सभी कुछ दूसरे स्थानों से आने लगा।
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मेहनत करना भूल गये लोग (Best Diwali Story for Kids)
जब आमदनी कुछ न हो और जमा पूंजी में से खर्चा ही खर्चा हो तो राजकोष भी खाली हो जाता है। लक्ष्मी के द्वारा धन पाकर लोग मेहनत करना ही भूल गये। पैसे की अहमियत क्या होती है यह कभी सोचा ही नहीं। संचित धन सब खर्च हो गया। लोग भुखमरी के कगार पर आकर खड़े हो गये।
लालच ने अक्ल पर परदा डाला (Best Diwali Story for Kids)
जब धरती मां ने अपने पुत्रों की दीन हीन दशा देखी तो उसका हृदय रो उठा। उसने गांव वालों का आहृान किया, कहा पुत्रो! तुम लक्ष्मी की चकाचैंध देखकर अपना मार्ग भटक गये थे। अपनी असली मां-पृथ्वी मां को ही भूल गये? अपनी भुजाओं के बल से तुम लोग खुशी का जीवन व्यतीत कर रहे थे, लेकिन सोने चांदी के लालच ने तुम्हारी अक्ल पर परदा डाल दिया और तुम भूल गये कि जो आनंद अपने खून पसीने की कमाई से मिलता है, वह अन्यत्र कहीं नहीं।
अरे बुद्धिहीनो, यदि लक्ष्मी से मांगना ही था तो उससे गांव की खुशहाली, आपसी प्यार और भाईचारा मांगते कि हमारी मेहनत से हमारे खेतों में सोना बरसे। यदि ऐसा होता तो तुम्हें आज यह दुर्दिन न देखने पड़ते। जागो! उठो, अपने हल बैल तैयार करो, कुदाल और फावड़ा उठाओ और वर्षो से बंजर पड़े खेतों में पसीना बहाकर उन्हें उपजाऊ बनाओ।
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धरती मां ही सच्ची पालनहार
याद रखो, मैं धरती मां ही तुम्हारी सच्ची पालनहार हूं। मेरी सेवा करो, तभी तुम्हारे भंडार भरेंगे। गांव वालों की आंखें खुली। धरती मां की नसीहत और पुकार पर सारे गांव वाले अपने अपने खेतों की ओर चल पड़े। देखते देखते गांव में पहले जैसा वातावरण बन गया। सच है, अपनी कमाई में ही आनंद और संतुष्टि है।