Happy Raksha Bandhan 2024 : यहां जानें सही मायने में इसका अर्थ और धागों का वचन
Happy Raksha Bandhan: Know its true meaning and the promise of threads here
Happy Raksha Bandhan 2024 : न मैं कृष्ण (द्रौपदी का एक और लाभ) और न तुम कृष्ण, फिर भी तुमने मेरी रक्षा का संकल्प लिया है। इस दुनियां में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते जैसा और कोई रिश्ता नहीं……….रेडियो पर यह संवाद सुनते-सुनते बरसों पहले मेरी आंखें भीग गई थीं और आज भी मैं दावे से कह सकती हूं कि ‘भैय्या मेरे राखी के बंधन को निभाना’ जैसे मधुर गीत सुनकर लाखों-करोड़ों आंखें छलछला उठती होंगी। इस रिश्ते की गरिमा-ऊष्मा को सिर्फ महसूस किया जा सकता है, शब्दों से बयान नहीं कर सकते, यह सिर्फ एक अहसास है।
मेरी नज़रों में दुनियां की सबसे सुंदर तस्वीर वह है जिसमें एक प्यारी सी गुड़िया बहन अपने प्यारे से भैय्या को राखी बांध रही है पर अचानक यह तस्वीर धुंधली क्यों पड़ने लगी? क्या समाज की अगणित कमजोरियों एवं बुराइयों ने बहनों का जीवन दूभर नहीं कर दिया है? आज भी जन्म होने से पूर्व क्या उन्हें मारा नहीं जा रहा है?
क्या आज भी वह दहेज प्रताड़ना का शिकार नहीं हो रही हैं? हज़ारों बहनें आज भी स्कूली शिक्षा से वंचित नहीं हैं? भाइयों की तुलना में कई गुना अधिक कुपोषण का शिकार नहीं है? बढ़ती वेश्यावृत्ति क्या इंगित करती है? और भी न जाने ऐसे कितने प्रश्न हैं जो यक्ष प्रश्न की तरह खड़े हैं हमारे सामने।
आज के समय में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का अर्थ
आज रक्षाबंधन का यह अर्थ नहीं है एक मिठाई का डिब्बा, एक राखी और कुछ रूपए। इसके अलावा और भी बहुत कुछ है इस धागे में और इतिहास इसका गवाह है। गवाह तो ये धागे होते हैं उन संकल्पों के जो भाई बचपन से अपने मन ही मन में लेता है पर दुनियांदारी की मार से सब कुछ भुला ही दिया जाता है, परंतु ये संकल्प इतने भारी-भरकम भी नहीं होते कि एक भाई उन्हें न निभा पाये। यदि वह चट्टान की तरह खड़ा हो जाये तो कौन माई का लाल उसकी बहन का बाल भी बांका कर सकता है?
Happy Raksha Bandhan और धागों का वचन
भाई तय कर ले तो बहन को उसकी बराबरी का प्रत्येक अवसर मिल सकता है। अपनी जिंदगी व भविष्य संवारने में वह जितना समय देता है, उसका आधा समय भी वह अपनी बहन के लिए दे तो निःसंदेह वह उन धागों का वचन निभा लेगा। एक बात और, बहनों को भी अपनी वरीयताएं तय करनी होगी, महंगे गहने, कपड़े या भावनाओं व अस्मिता की सुरक्षा। भाई का यह स्नेह जीवनपर्यंत बना रहे, इसलिए इसे भावना-व्यापार का रूप देने से बचें, वैसे भी भावनाओं की कीमत नहीं होती। बदलते परिवेश में संकल्पों को बदलना ही ठीक होगा।
Raksha Bandhan : भाई-बहन के स्नेह का पावन पर्व
आज एक भाई यह संकल्प ले कि उसकी बहन कभी ससुराल में प्रताड़ना का शिकार नहीं होगी। उसे शिक्षा में समान अवसर मिलेगा। उसके स्वास्थ्य की परवाह की जायेगी। उसे आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में वह उसकी पूरी मदद करेगा। वह अपनी बहन को इस बात का पूरा विश्वास दिलाये कि जीवन की राह पर वह जब भी पीछे मुड़कर देखेगी तो हमेशा वह उसे नज़र आयेगा।
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