Best Shampoo : ब्रांडिंग के भरोसे नहीं, गुण देखकर चुनें शैंपू
Best Shampoo: Do not rely on branding, choose shampoo by looking at its properties.
Best Shampoo : पहले के जमाने में अगर बालों को साफ करना होता तो लोग मुलतानी मिट्टी, आंवला, रिठा आदि का उपयोग किया करते थे। लेकिन अब बालों की सफाई का प्रमुख आधार है शैंपू। चूंकि बालों का सौंदर्य उन्हें धोने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले शैंपू पर आधारित होता है इसलिए शैंपू का स्तर, चुनाव व उसे इस्तेमाल में लाने की सही विधि काफी अहमियत रखती है।
Best Shampoo में पीएच या एसिड संतुलन की मात्रा
सामान्य तौर पर तैलीय, शुष्क व सामान्य केशों के लिए उपलब्ध शैंपू की बोतलों पर लगे लेबल में ही पूरी जानकारी दी जाती है मगर केशों में यदि रूसी जैसी बीमारियां हों तो उसके लिए एंटी-डैंड्रफ व मेडीकेटेड शैंपू भी बाजार में उपलब्ध हैं। शैंपू इस्तेमाल करने वालों के लिए जानने की महत्वपूर्ण बात है शैंपू की पीएच या एसिड संतुलन।
Best Shampoo में एलकलाइन की मात्रा
वैसे तो बाजार में उपलब्ध तकरीबन सभी शैंपू एसिड संतुलित ही होते हैं लेकिन किसी शैंपू का पीएच फैक्टर उसके एसिड व एलकलाइन डिग्री को दर्शाता है। यदि पीएच फैक्टर 5 से 8.5 डिग्री के बीच हो तो उसका संतुलन सामान्य 4 डिग्री से कम होने पर एसिडिक संतुलन अधिक व 8.5 या 11 डिग्री से अधिक पीएच संतुलन वाले शैंपू में एलकलाइन बहुत अधिक होता है।
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एक तो यह सामान्य व किसी भी प्रकार के रंग व डाई किए हुए केशों को कम नुकसान पहुंचाता है क्योंकि यह शैंपू सौम्य होता है। ऐसा शैंपू केशों की सफाई के लिए तो हर प्रकार से अच्छा माना जाता है साथ ही सिर की त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी यह लाभकारी है क्योंकि इससे त्वचा पर रूसी और खुजली आदि नहीं होती हैं।
जरूरत से ज्यादा झाग बनाने वाले Best Shampoo नहीं होते
इसके अलावा जरूरत से ज्यादा झाग बनाने वाले शैंपू को भी अच्छा शैंपू नहीं मानना चाहिए। देखा जाए तो सबसे बढिय़ा काम कम झाग बनाने वाले शैंपू ही करते हैं। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में पानी खारा होता है वहां भी शैंपू कम झाग बनाते हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि खराबी शैंपू में है। शैंपू के इस्तेमाल की विधि व समय का अंतराल भी बहुत महत्वपूर्ण है।
Shampoo के इस्तेमाल की Best विधि
शैंपू का इस्तेमाल करने से पहले उलझे केशों को सुलझा लेना जरूरी होता है। केशों में पड़ी उलझनें शैंपू करते समय और अधिक उलझ जाती हैं। शैंपू इस्तेमाल करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि यदि केश छोटे यानि कंधे तक लंबे हों तो सिर व केशों को आगे की ओर झुका कर धोने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन यदि केश कंधे से लंबे हों तो सीधे खड़े होकर सिर व गरदन को पीठ की ओर झुका कर शैंपू करना अच्छा रहता है। केश आगे की ओर करके धोने से यह विपरीत दिशा में आ जाते हैं जिससे धोते समय उलझनें बढ़ जाती हैं।
Shampoo करने की सही विधि
शैंपू करने की सही विधि यही है कि पहले तो केशों को गीला करके शैंपू को हथेली पर डाल कर दूसरे हाथ की उंगलियों के पोरों से सिर की संपूर्ण त्वचा व केशों पर हल्के हाथ से रगड़ कर एक बार में ही झाग बनाकर उसे पानी से अच्छी तरह धो लें। विशेषज्ञों का भी मानना है कि कामकाजी युवतियों को हर रोज एक अच्छे शैंपू को थोड़े से पानी में घोल कर केशों को धोना चाहिए। केशों में शैंपू केवल एक बार व उसकी मात्रा केशों की लंबाई के अनुसार ही होनी चाहिए।
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केशों को शैंपू करने के बाद यदि आप कंडीशनर लगाती हैं तो शैंपू व कंडीशनर को पानी द्वारा केशों से अच्छी तरह से निकाल लेना बहुत जरूरी है क्योंकि केशों में शैंपू व कंडीशनर के अंश बाहरी परत पर जमे रह जाने से केशों में स्वाभाविक चमक नहीं आ पाती है।
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