MP AgriStack Yojana : 1 करोड़ किसानों को मिलेगी यूनिक आईडी
58 लाख किसानों का ही हुआ रजिस्ट्रेशन, 42 लाख अभी बाकी

MP AgriStack Yojana : मध्य प्रदेश में किसानों की कुंडली तैयार करने के लिए फार्मर आईडी जनरेट करने में अपेक्षा के अनुरूप सफलता नहीं मिल रही है। ऐसे में चिंता होना लाजमी है। आपको बता दें कि प्रदेश में एक करोड़ फार्मर आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जसनकारी के अनुसार अब तक 58 लाख फार्मर आईडी बनाई जा चुकी हैं। बाकी बचे लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रशाान की तैयारियाँ तेज़ी से चल रही हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
भारत सरकार और किसान कल्याण मंत्रालय की एग्रीस्टैक योजना के तहत प्राप्त निर्देशों के अनुसार, प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत प्रत्येक कृषक भूमिस्वामी को एक यूनिक आईडी भारत सरकार द्वारा जनरेट करके प्रदान की जाएगी।
इससे कृषकों को केसीसी से ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी, क्योंकि यह प्रक्रिया कम्प्यूटरीकृत होगी। इसके अलावा, हितग्राहीमूलक योजनाओं के लिए लक्ष्य निर्धारण और कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से सत्यापन की प्रक्रिया को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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आईडी बनाने के लिए कैम्प का आयोजन (MP AgriStack Yojana)
फार्मर आईडी जनरेट करने के लिए एक अभियान के तहत कैम्प आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक कैम्प के लिए तीन समान किस्तों में 15 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। प्रदेश में एक करोड़ फार्मर आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 58 लाख फार्मर आईडी पहले ही बनाई जा चुकी हैं। शेष 42 लाख फार्मर आईडी बनाने के लिए कैम्प का आयोजन किया जाएगा।
इस कार्यवाही के लिए कलेक्टर को जिला नोडल अधिकारी और भू-अधिकारियों को सहायक जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सहायक नोडल अधिकारी कैम्प की जानकारी को अद्यतन करने और कैम्प आयोजन के लिए आवश्यक समन्वयक व अधिकारियों द्वारा कैम्प भ्रमण की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। इसकी प्रक्रिया भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार निर्धारित की गई है।
इसी अनुक्रम में शिविर आयोजित कर आयुक्त भू- अभिलेख द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रत्येक कैम्प में भारत सरकार द्वारा कुल 15 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
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गांवों के क्लस्टर से पीएम किसान डाटाबेस के अनुसार कम से कम 50 प्रतिशत किसानों को रजिस्टर करने के लिए यह तीन किश्तों में दी जाएगी, जिसमें 5 हजार रुपये की राशि पहले 15 प्रतिशत, 5 हजार रुपये की राशि अगले 15 प्रतिशत और 5 हजार रुपये की राशि अगले 20 प्रतिशत फार्मर आईडी जनरेट करने पर प्राप्त होगी।
यह राशि फार्मर आईडी और खसरा आधार लिंकिंग के लिए आवश्यक कार्यवाही पूरी करने पर प्राप्त की जा सकेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मार्च 2025 से फार्मर आईडी की अनिवार्यता और विशेष केंद्रीय सहायता के तहत इंसेंटिव राशि के संबंध में यह आवश्यक है कि प्रत्येक भूमिस्वामी कृषक के लिए फार्मर आईडी युद्धस्तर पर बनाई जाए।
AgriStack Yojana क्या है?
भारत में कृषि क्षेत्र को अधिक तकनीकी और डेटा-संचालित बनाने के लिए सरकार ने एग्रीस्टैक योजना की शुरुआत की है। यह एक डिजिटल कृषि पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की सभी जानकारी को एक डिजिटल डेटाबेस में एकत्रित करना और उनकी आय बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करना है।
AgriStack Yojana का उद्देश्य
- किसानों के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करना
- कृषि से संबंधित योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना
- डेटा-आधारित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना
- किसानों को स्मार्ट तकनीक और वित्तीय सेवाएँ उपलब्ध कराना।
AgriStack Yojana के लाभ
- किसानों को सीधी सहायता : एग्रीस्टैक के जरिए किसान सरकार की सभी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ सीधे प्राप्त कर सकेंगे।
- फसल योजना में सुधार : डेटा-आधारित कृषि के माध्यम से किसान फसल चक्र और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझकर बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
- आर्थिक समृद्धि और पारदर्शिता : यह योजना किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल ? (FAQs)
सवाल : एग्रीस्टैक योजना क्या है ?
जवाब : एग्रीस्टैक योजना एक डिजिटल कृषि पारिस्थितिकी तंत्र हैए जो किसानों के लिए एक संगठित डिजिटल डेटाबेस तैयार करती है।
सवाल : एग्रीस्टैक योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
जवाब : इसका मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र को डिजिटल बनाना और किसानों को डेटा.आधारित सहायता प्रदान करना है।
सवाल : क्या एग्रीस्टैक योजना किसानों के लिए फायदेमंद है ?
जवाब : हाँ, यह योजना किसानों की आय बढ़ानेए सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे देने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद करती है।
सवाल : क्या एग्रीस्टैक योजना में निजी कंपनियों की भागीदारी है ?
जवाब : हाँ, माइक्रोसॉफ्टए अमेज़ॅन और अन्य टेक कंपनियाँ इस योजना में सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
सवाल : एग्रीस्टैक योजना कब शुरू की गई थी ?
जवाब : भारत सरकार ने इस योजना की घोषणा वर्ष 2021 में की थी।
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