Monsoon 2024 : निराशा नहीं रोमांस का मौसम लाया है मानसून
Monsoon has brought a season of romance, not disappointment
Monsoon 2024 : सावन का महीना किसके होठों पर मुस्कान नहीं ले आता। बारिश की बूंदें और गरजते हुए बादल, तमाम तरह की निराशाओं और हताशाओं को भगा देते है। लेकिन तस्वीर का एक दूसरा पहलू भी है। इस बात पर सहजता से भले ही विश्वास न हों लेकिन यह एक सच्चाई है कि बरसात का यह मौसम कुछ लोगों को डिप्रेशन में भी ले जाता है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट से पला चला कि सावन भादों के इन रोमांटिक महीनों में अकेलापन, तनाव, बेचैनी और डिप्रेशन का शिकार होने वाले लोगों की संख्या दूसरे महीनों के मुकाबले ज्यादा होती है।
वैसे तो इस मौसम का अपना ही लुत्फ है, लेकिन दिक्कत तब आती है, जब आप घर से स्कूल, ऑफिस या कॉलेज के लिए निकलते हैं और वहां आपको लंबी बस लाइन, ट्रेन लेट, सड़कों पर भरा पानी, टै्रफिक की लंबी लाइन और न जाने कितनी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में हो सकता है कि आप बारिश का मजा लेना छोड़कर यह सोचने लगे कि काश यह बारिश थमे और हम समय पर काम पर पहुंच सकें।
इन दिक्कतों के अलावा, यह मौसम उन लोगों के लिए ज्यादा मुसबित बनकर आता है, जो थकान, आलस, काम में मन न लग पाना, छोटी-छोटी बातों को लेकर टेंशन में आ जाना, जैसी दिक्कतों से गुजरते हैं। कई लोग तो इतने परेशान हो जाते हैं कि डिप्रेशन तक के शिकार हो जाते हैं। अगर आप भी इन दिनों ऐसी किसी समस्या से दो चार हो रहे हैं तो जरूरी है कुछ बातों पर गौर करना।
Depression in Monsoon
अध्ययनों से पता चला है कि सूरज की रोशनी कम होने और आसमान में काले बादल छाए रहने से हमारे दिमाग में सेरॉटोनिन केमिकल (serotonin chemical) का निर्माण कम होने लगता है, जिसका सीधा असर हमारी मानसिक स्थिति पर पड़ता है। सेरॉटोनिन केमिकल के कम बनने से मन सामान्य नहीं रह पाता, जिससे हमारे मन पर उदासी, बेचैनी और डिप्रेशन का हमला होने लगता है।
कुछ लोगों पर यह केमिकल ज्यादा असर करता है और कुछ पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। यही नहीं, अगर कई दिनों तक लगातार बारिश होती रहे, तो कई लोग सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर के शिकार भी हो जाते हैं। आमतौर पर वैसे यह दिक्कत सर्दियों में होती है, लेकिन कुछ लोग इस मौसम में भी इससे ग्रसित रहते हैं।
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal Affective Disorder)
यह डिप्रेसिव मूड डिसऑर्डर की तरह ही है और आमतौर पर महिलाओं को होता है। इसका कारण रोशनी का कम-ज्यादा होना होता है। अगर आप घरेलू महिला हैं और आपका बार-बार मीठा और स्टार्च युक्त चीजें खाने और साथ ही अंधेरे कमरे और ठंडी हवा में सोने का भी मन करता है, तो समझ लीजिए कि आप सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से पीडि़त हैं। यह डिसऑर्डर आपको आलसी बना देता है। इससे सिर में दर्द रहता है, जिससे स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। थकान और उदासी छाई रहती है। अगर आप इस डिसऑर्डर से कई दिनों तक परेशान रहें, तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।
Monsoon में Depression से बाहर आएं
अगर आप डिप्रेशन से बाहर आना चाहते हैं, तो जितनी तरह से भी हो सके, बारिश के इस मौसम का मजा लीजिए। अगर अकेले बैठे हैं तो चुपचाप प्रकृति की खूबसूरती को निहारिए। अगर आप उनमें से हैं, जिन्हें बारिश के मौसम में गंदगी फैलने और संक्रमण का डर सताता रहता है, तो समझ लीजिए कि आप ऑब्सेसिव कम्पलसेंसिव डिसऑर्डर से पीडि़त हैं। इससे पीडि़त व्यक्ति को साफ-सफाई बेहर पसंद होती है और वे ऐसे मौसम में बाहर निकलने से घबराते हैं।
व्यायाम और योग करें
अगर आप उन लोगों में से एक हैं, जो रोजाना बारिश के डर से छाता या रेनकोट लेकर चलते हैं, तो भी आपकों डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है। ऐसे लोगों को हमेशा यही डर लगा रहता है कि कहीं बारिश न आ जाए और हमारे कपड़े, जूते वगैरह गंदे न हो जाएं। सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर को कम करने के लिए व्यायाम और योग करें।
व्यायाम आपकी मानसिकता को बदलने में भी बेहद मदद करता है। जहां तक संभव हो, आराम करें। अपने भोजन को संतुलित रखें और खाने में पाचक तत्वों को शामिल करें। जब भी फुर्सत मिले, अपनी पसंदीदा पुस्तक पढें़। संगीत सुनें और फिल्में देखें।
Monsoon में खुशी देनेवाली चीजें करें
ऐसी चीजें ही करें, जो आपको खुशी दें। बारिश में गर्मा-गर्म पकौड़े या भाजी का लुल्फ उठाना भी आपके मूड को बदलने में मदद करेंगा। बारिश में भीगने की इच्छा नहीं है, तो घर की खिड़की से बारिश का नजारा लें। साथ ही, दूध या नींबू की चाय या गरमा-गरम सूप पीना भी आपको खुश कर देगा। बारिश के मौसम में बाहर धूमने जाएं। बांरिश से जुड़ी चीजों की खरीददारी करें।
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Monsoon में चाट-पकौड़े बचें, साफ पानी पिएं
पटरी के चाट-पकौड़े खाने से बचें। साफ पानी पिएं। पेट का विशेष ध्यान रखे। लंबे समय तक गीले कपड़े पहनकर न रहें। बारिश से लौटकर जब भी घर आएं, तो नहांए जरूर। बारिश के मौसम में अपने परिवार या दोस्तों के साथ पिकनिक पर जाएं। इस तरह छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखने से आपके लिए अपने मॉनसून डिप्रेशन से बाहर आना आसान हो जाएगा। हमेशा ही याद रखें कि अगर बारिश का मौसम, सावन का महीना इतना खुशगवार नहीं होता तो कवि और गीतकार इसे अपनी कविताओं और गानों में इतनी अहमियत कभी भी नहीं देते।
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Monsoon में मौसम का मजा लें
यह मजा लेने का मौसम है, रोमांस का सीजन है। ऐसे मौसम में डिप्रेशन का भला क्या काम। आने जाने में थोड़ी दिक्कत ही तो होती है। कपड़े थोड़े से गंदे ही तो होते हैं। लेकिन याद कीजिए जेठ की दोपहरी की वह गर्म हवा वाली आंधी या फिर सर्दियों की वह शरीर कंपा देने वाली ठंड। जिस मौसम में मेढ़क भी बाहर निकलकर टर्रा रहे हैं आप भला क्यों थके-हारे बैठे हैं। घर से बाहर आइए और बारिश का मजा लीजिए, रोमांस का मजा लीजिए। प्रकृति ने देखने के लिए इतना कुछ दे रखा है और आप हैं कि हताश, निराश बैठे हैं। क्यों न थोड़ा सा रोमांटिक हो जाया जाए?
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