Parenting Tips : बच्चों को तनावमुक्ति का परिवेश दें

Parenting Tips: Provide children with a stress-free environment

Parenting Tips: Provide children with a stress-free environment

Parenting Tips : मासूम चेहरे की उदासी दुःख, तनाव तथा चिड़चिड़ेपन को प्रकट करती है। बच्चों के कोमल मन (Tender hearts of children) पर परिवेश का सीधा असर पड़ता है। घर आंगन में गूंजती बच्चों की किलकारी डर से चुप हो जाती है जिससे उनका मानसिक तनाव बढ़ता है।

बच्चों के मन पर घर के परिवेश का असर सदा ही बना रहता है और उनके विचारों को प्रभावित करता है। जहां पर पति-पत्नी नौकरी करते हैं, वे अपने बच्चों को बहुत कम समय दे पाते हैं। थकेे हारे पति-पत्नी घर लौटते हैं तो वातावरण तनाव से परिपूर्ण होता है। इसी कारण आपसी कलह क्लेश झगड़े का रूप धारण कर लेता है जिसे बच्चे देखते हैं।

कुछ बच्चे माता-पिता की नियमित पिटाई को सहते हुए दब्बू एवं डरपोक बन जाते हैं। वे जीवन में सदा ही असफल होते जाते हैं। यदि बच्चों को हर समय प्रताड़ित किया जाता है तो वे सदा के लिए हीन भावना का शिकार हो जाते है। रिश्तेदारों एवं मित्रों के सामने लज्जित करना बच्चों में तनाव के रोग को जन्म देता है।

बच्चों की कोमल भावनाएं (Parenting Tips)

कुछ पिता ऐसे भी हैं जो दफ्तर से लौटते वक्त नशे में चूर हो कर आते हैं। यदि बच्चे कापी, पेंसिल कुछ मांगते हैं उन्हे बदले में मार पीट मिलती है। ऐसे परिवेश में बच्चों की कोमल भावनाएं बहुत आहत होती हैं। यदि बच्चों के हंसने खेलने पर रोक लगा दी जाये तो वे तनाव और घुटन भरे परिवेश में जीवन गुजारते हैं।

दब्बू एवं डरपोक (Parenting Tips)

कुछ बच्चे माता-पिता की नियमित पिटाई को सहते हुए दब्बू एवं डरपोक बन जाते हैं। वे जीवन में सदा ही असफल होते जाते हैं। यदि बच्चों को हर समय प्रताड़ित किया जाता है तो वे सदा के लिए हीन भावना का शिकार हो जाते है। रिश्तेदारों एवं मित्रों के सामने लज्जित करना बच्चों में तनाव के रोग को जन्म देता है।

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अक्सर तनावयुक्त बच्चे सहमे-सहमे से अलग ही बैठे नजर आयेंगे। कुछ बच्चें नाखूनों को डर के मारे चबाना शुरू कर देते हैं। देखने में आया है कि हाफपेन्ट में भी बच्चे पेशाब कर देते हैं। ऐसा ही दबाव किशोरावस्था में बना रहता है।

Parenting Tips : बच्चों को तनावमुक्ति का परिवेश दें

प्यार और दुलार के परिवेश से बच्चों को तनाव से मुक्त रखा जा सकता है। बच्चों को प्रोत्साहित करते रहें। उनकी योग्यता को बढ़ाने के लिए उनके काम की प्रशंसा करें। धन कमाने के साथ-साथ बच्चों का चरित्रा निर्माण करने के सही समय को भी पहचानें।

आत्म सम्मान को ठेस (Parenting Tips)

बच्चों के मन में दूसरों की तारीफ सुनकर चिढ़ होती है। उनके आत्म सम्मान को ठेस लगती है। यदि उन्हें कोई प्रोत्साहित न करे तो वे सदा-सदा के लिए कुंठित भावना का शिकार हो जाते हैं। बच्चे ज्यादा काम और काम की बात सुन कर जिद्दी बन जाते हैं। वे काम से भी मन चुराने लगते हैं।

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प्यार और दुलार के परिवेश से बच्चों को तनाव से मुक्त रखा जा सकता है। बच्चों को प्रोत्साहित करते रहें। उनकी योग्यता को बढ़ाने के लिए उनके काम की प्रशंसा करें। धन कमाने के साथ-साथ बच्चों का चरित्रा निर्माण करने के सही समय को भी पहचानें।

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बच्चों को दें ऐसा परिवेश

  • पति-पत्नी के झगड़ों से बच्चों को सदा दूर रखें। बच्चों में एक पक्ष की तरफदारी से तनाव बढ़ता है।
  • नशीले पदार्थों के सेवन करने की आदत को घर के परिवेश से दूर रखें। मारपीट की बुरी आदतों को त्याग कर अच्छे माता-पिता का दायित्व निभायें।
  • बच्चों के लिए पढ़ाई लिखाई का परिवेश बनायें।
  • माता-पिता को चाहिए कि वे अपनी चिल्लाने की आदत को छोड़ दें। इससे बच्चों में डिप्रेशन एवं तनाव नहीं बढ़ेगा।
  • बच्चों को नियमित रूप से खेलने एवं हंसने का अवसर दें। दबाव के कारण बच्चों की बुद्धि का विकास नहीं होता।
  • बच्चों को झूठे वादे करके भ्रमित न करें।
  • दिन में एक समय अवश्य एक साथ भोजन करें।
  • तनावपूर्ण वातावरण से कोई भी सकून नहीं पा सकता।

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R. Singh

Name: Rina Singh Gender: Female Years Of Experience: 5 Years Field Of Expertise: Politics, Culture, Rural Issues, Current Affairs, Health, ETC Qualification: Diploma In Journalism

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