Health Tips : अब करें गुलाब से घरेलू उपचार, जानें कैसे
Health Tips: Now do home remedies with rose, know how
एक समय था जब गुलाब केवल गुलाबी रंग का होता था मगर अब तो गुलाब एक दर्जन से भी ऊपर के रंगों में आम उपलब्ध है। यह केवल पूजा, बैठक की सजावट, युवतियों के हार-सिंगार के लिए ही नहीं बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने के भी काम आता है। अपने औषधीय गुणों के कारण यह हमें निरोगिता दे सकता है।
गुलाब से तैयार गुलाब जल हमारी आंखों के विकारों को ठीक करता है। दो-दो बूंद आंखों में डालने से आंखों को ठंडक मिलती है तथा विकार दूर होते हैं। आईये जानते हैं ऐसे कुछ गुलाब के कुछ लाभकारी गुण:
- गुलाब से बना गुलकन्द रात के समय एक चम्मच खाकर गर्म दूध पीना, कब्ज जैसे नामुराद रोग को दूर करता है।
- टी. बी. के रोग के उठने पर या किसी भी अन्य कारण से यदि शरीर बहुत निर्बल हो गया हो तो प्रतिदिन गुलकन्द खाना शुरू करें। शरीर में फिर से स्फूर्ति लौट आएगी।
- उबटन में गुलाबजल डाल कर, चेहरा निखार सकते हैं।
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- पसीने की बदबू हटाने के लिए पानी भरी बाल्टी में कुछ बूदें गुलाब जल की डालें और स्नान कर लें। ताज़गी मिलेगी।
- मुंहासों से परेशान हों तो गुलाब की पंखुड़ियों को दूध में पीसें। इसमें मे चुटकी भर बोरिक पाउडर मिलाएं। इसे मुंहासों पर लगाएं। मुंहासे दूर होंगे। चेहरा भी खिल उठेगा।
- पाॅयरिया, मसूड़ों के रोग, दांतों का कमज़ोर होना, इन सब के लिए गुलाब की पंखुड़ियों का सेवन करें। चबा-चबा कर खाने से दांत, मसूड़े तो मज़बूत होंगे, मुंह से आने वाली दुर्गन्ध भी नहीं रहेगी। सांस ताज़ा हो जाएगी।
- मिठाइयों, पकवानों को खुशबूदार बनाने के लिए गुलाब की पत्तियां डाली जाती हैं। गुलाब-जल भी प्रयोग में लाते हैं।
- गुलाब की पंखुड़ियां पीसें और रस निकालें। ग्लिसरीन में मिला कर सूखे, फटे, कांति रहित होंठों पर लगाएं।
- होंठों की चमक लौट आएंगी। होंठों की सुन्दरता बढ़ जाएगी।
- गुलाब का स्वाद तिक्त, कसाय तथा कटु होता है। यह रूदा, मेध्य, शीत, रेचक, विरेचक, मृदु होता है। त्रिदोषों को हरने वाला हैं।
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- गुलाब का किसी भी प्रकार से सेवन खून को शुद्ध कर देता है।
- बैचेनी, घबराहट को दूर करने के लिए प्रातः खुले वातावरण में निकल कर फूल की पत्तियां चबा-चबा कर खाएं। बेचैनी नहीं रहेगी।
- गुलाब की पंखुड़ियों का रस निकाल, कानों में डालें। दर्द दूर होगा।
गुलाब के फूलों को छाल के साथ पीसें। यकृत प्रभावी स्थान पर लेप करें। यकृत शोथ में लाभ होगा।
इस प्रकार हम गुलाब के औषधीय गुणों का लाभ उठा सकते हैं।