Couple Relationship : जीवन और सहजीवन

Couple Relationship: Life and symbiosis

Couple Relationship: Life and symbiosis
Couple Relationship: Life and symbiosis

Couple Relationship : लड़के-लड़की में समानता के इस दौर में शादी के कांसेप्ट में काफ़ी बदलाव आ गया हैं आज लड़कियां महत्त्वाकांक्षी हो गई हैं। युवा होते ही मन में अपोजिट सैक्स के लिए आकर्षण तो जागता है लेकिन विवाह के साथ स्वतंत्रता में जो कटौतियां हो जाती हैं, वे उन्हें मंजूर नहीं। इसके अलावा दहेज की समस्या भी शादी में बाधाक बन जाती है।

इन सब के विकल्प के तौर पर सहजीवन की ओर युवतियों का सहज ही रूझान होने लगा है। एक एड एजेंसी चला रही टिया माथुर जो दो साल से अपने ब्वॉय फ्रेंड ललित माथुर के साथ लिव इन फ्रेंडशिप (live in friendship) जैसा संबंध बनाये हैं, कहती हैं, अपनी खुशियों को मैं किसी बंधन में बांधाने में विश्वास नहीं रखती।

लिव इन (Live in relationship) में जो फ्रीडम और मजा है वो शादी जैसे झंझटो में कहां। जिमी और मैं कभी एक दूसरे पर हावी होने की जुर्रत नहीं करते क्योंकि हम दोनों ही परिणाम से वाकिफ़ हैं। किसी भी समय ऐसे में ऑफ़ेंड होने पर कोई भी वॉक आउट कर सकता है। इसमें न कानून का डर है न समाज का।’

Couple Relationship: Life and symbiosis
Couple Relationship: Life and symbiosis

मनीषा अग्रवाल हाई कोर्ट में वकालत कर रही हैं। वे छह माह से सुमित के साथ बगैर शादी किये रह रही हैं। वे सहजीवन के फ़ेवर में कहती हैं, ये आपका निजी मामला है। वे बातें जो आपके अभिभावक संस्कारों के नाम पर आप को सिखाया करते थे जैसे कादारी, रिश्तों में अटूटता, कमिटमेंट इत्यादि, अब उनमें बिखराव आ गया है। ज्यादातर सभी अपनी मर्जी से अपनी सुविधानुसार ही जीना चाहते हैं।

और अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी इस रिश्ते पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी है। जस्टिस चौहान ने पौराणिक कथा का हवाला देते हुए यहां तक कहा कि भगवान कृष्णा और राधा भी साथ-साथ रहते थे जब कि उन्होंने विवाह नहीं किया था।

समाज में अनैतिकता को बढ़ावा (Relationship Tips for Men)

आज से कुछ वर्ष पूर्व अभिनेत्री खुशबू के इस बयान ने जिसमें उसने विवाहपूर्व सुरक्षित यौन संबंधों को जायज ठहराया था, काफ़ी हंगामा खड़ा कर दिया था। बहुत से लोगाें ने इस बात पर अपना एतराज जताते हुए कहा था कि इससे समाज में अनैतिकता को बढ़ावा मिलेगा।

सहजीवन जीने का एक खूबसूरत ढंग (Relationship Tips for Ladies)

सहजीवन (Symbiosis) जीने का एक खूबसूरत ढंग है या समाज पर एक बदनुमा दाग़ है, इस बात को लेकर बहस दो अपोिज़ट दिशाओं मेें मुड़ गई है। अपने को प्रगतिवादी ओपन माइंडेड मानने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को सही और जायज करार देते हैं। दूसरा वर्ग जो प्रगति को दूसरी तरह से इंटरप्रेेट करता है, उनका कहना है कि यह प्रगति का द्योतक नहीं बल्कि समाज को बर्बादी की राह पर ले जाने वाला है।

Couple Relationship: Life and symbiosis
Couple Relationship: Life and symbiosis

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सिंगल रहने व लेट मैरिज का चलन (Tips for Couples Relationship)

पहले वर्ग की बात करें जो सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से खुश और संतुष्ट है तो वे मानते हैं कि इस फ़ैसले ने विवाह संस्था की कठोरता को उदार बनाया है। समय के साथ कदम आगे बढ़ाया है। आज जब कि सिंगल रहने व लेट मैरिज का चलन (Trend of being single and late marriage) बढ़ गया है, ऐसे में सहजीवन और विवाह पूर्व सुरक्षित सैक्स समय की जरूरत है। नॉर्मल रहने के लिए यह गलत नहीं।

रिश्ते में उलझनें ही उलझनें (Couple Relationship)

फि़ल्म जगत, ग्लैमर वर्ल्ड और कॉर्पोरेट एंपलाईज में यह रिश्ता आम बात है। इससे औरत ने अपने को एज़र्ट तो किया है लेकिन समाज को स्त्री की यह स्वच्छंदता स्वीकार्य नहीं। ‘व्यावहारिक रूप से देखें तो ऐसे रिश्ते में उलझनें ही उलझनें हैं। सबसे बड़ी उलझन है असुरक्षा की हर समय लटकती तलवार। अब दोनों में से कौन किस बात को ईगो का मसला बना छोड़कर चल दे, क्या भरोसा।

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रज़ामंदी से अलग (Couple Relationship)

अगर रज़ामंदी से अलग होते हैं तो भी कौमार्य खो देने वाली युवती को समाज नीची नज़र से देखेगा। दूसरा कोई उसे आसानी से स्वीकार नहीं करेगा। कर भी लेगा तो कब वो उसे उसके पहले अफ़ेयर को लेकर कटघरे में खड़ा कर दे, ये डर युवती को सदा बना रहेगा।

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हमारे समाज का मन उदार नहीं (Couple Relationship Tips)

आज भी हमारे समाज का मन इतना उदार नहीं हो पाया हैं कि परंपराओं और वर्जनाओं को तोड़ने वालों को माफ़ कर सके। आखिर परंपराएं सभी तो बकवास नहीं कहीं जा सकतीं। उनके पीछे सदियों का अनुभव काम कर रहा है। ज्यादातर इन अनुशासनों में लोकहित बसा हैं।

इन संबंधों से उपजी संतान का भविष्य क्या होगा, यह सभी एक बड़ी उलझन है। क्या उसे पिता का नाम, उसकी संपत्ति में हिस्सा मिलेगा? मां के प्रेमी से अलग होने पर सिंगल मदर क्या उसे एक सामान्य परवरिश दे पाएगी? यह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा ही है। विवाह और परिवार एक स्मूथ सेलिंग जिंदगी के लिए जरूरी है, इसमें दो राय नहीं।

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