Best House Interior : बुजुर्ग माता-पिता साथ रहने के लिए घरों के डिजाइन के आसान 14 टिप्स
Best House Interior: 14 easy tips for designing homes for elderly parents to live together
Best House Interior : इंसान खुशी से झूम उठता है जब अपने घर का सपना हकीकत (dream of own house become reality) में बदलता है। अपने आशियाने को देख फूला नहीं समाता। यदि आप भी अपना घर बनाने जा रहे हैं तो उसे बनाने या खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि क्या बूढ़े माता-पिता आपके साथ रहने वाले हैं। स्वयं आपको भी बूढ़े होकर उसी घोंसलें में रहना है। इसलिए बूढ़े लोगों की सुख सुविधाओं को मद्देनजर रख घर तैयार करवायें ताकि आगे जाकर मुश्किलों का सामना न करना पड़े।
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बुजुर्गों का आदर व सेवा (Respect to elders)
जिस घर में बुजुर्गों का आदर व सेवा होती है, वह घर किस्मत वाला होता है। उस घर में लक्ष्मी का वास होता है और आशीर्वादों की वर्षा होती है। क्यों न हम भी उनसे आशीर्वाद लें और उनकी सुख सुविधा का ध्यान रखते हुए उन्हें अपने पास रखें। बुजुर्गों की सेवा करना भारतीय संस्कृति का अंग है। तो थोड़ा सा ध्यान दें उनके सोने और आराम करने के स्थान को।
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Best House Interior Designs Tips
- बड़े लोगों का कमरा काफी बड़ा होना चाहिए ताकि वे आराम से अपने कमरे में आ जा सकें।
- फर्नीचर भी हल्का और मजबूत होना चाहिए जिसे जरूरत पड़ने पर खिसकाया जा सके। फर्नीचर उतना ही होना चाहिए जितनी उनको जरूरत हो।
- प्रकाश का प्रबंध उचित होना चाहिए। खिड़की, रोशनदान होने चाहिए ताकि प्राकृतिक प्रकाश और हवा आ सके। कमरे में कृत्रिम प्रकाश के लिए नाइट बल्ब, ट्यूब व इमरजेंसी लाइट होनी चाहिए।
- बुजुर्गों के कमरे के फर्श ऐसे होेने चाहिए जो फिसलने वाले न हों। टाइल्स भी नाॅन स्लिपरी लगवानी चाहिए। ध्यान दें उनके बाथरूम में वाइपर अवश्य पड़ा रहे ताकि जरा सा गीला होने पर वे उसे आसानी से सुखा सकें। बाथरूम में नहाने वाला पटरा, बाल्टी और मग एक किनारे पर रखा होना चाहिए ताकि वे रात्रि में बाथरूम का प्रयोग आसानी से कर सकें। बाथरूम में रोशनी की उचित व्यवस्था भी होनी चाहिए।
- बुजुर्गों के कमरे में सामान इधर उधर फैला न रहे। उनके कपड़े, बैड शीट्स व टावल उचित स्थान पर रखे रहने चाहिए ताकि उन्हें परेशानी न उठानी पड़े और न ही वे आपको बार बार इन कामों के किए डिस्टर्ब करें।
- कमरे में कोई भी तार फर्श पर न आये, न ही कहीं लटके। यदि ऐसा हो तो उसे फिक्स करवायें।
- सीढ़ियां भी बहुत ऊंची नहीं होनी चाहिए, न ही असमतल हों। सीढ़ियों पर दोनों तरफ रेलिंग होनी चाहिए ताकि चढ़ते और उतरते समय संतुलन बना रहे।
- सीढ़ियों के दोनों ओर बिजली के स्विच लगवाने चाहिए ताकि रात को चढ़ते समय वे उसे जला लें और ऊपर पहुंच कर बंद कर सकें।
- बुजुर्गों के कमरे में कारपेट या दरी वैसे तो नहीं होनी चाहिए पर यदि है तो ध्यान दें वो लूज न हो। ऐसा होने पर उनका पांव अटक सकता है और वे गिर सकते हैं।
- टॉयलेट में ग्रैब बार (grab bar in toilet) भी लगायें ताकि वे उसका सहारा लेकर उठ बैठ सकें।
- बुजुर्गों के कमरे में फर्नीचर नुकीला न हो, इस बात का ध्यान रखें। गोेलाई लिए कोने वाला फर्नीचर होना चाहिए।
- फर्नीचर की ऊंचाई अधिक ऊंची या अधिक नीची भी नहीं होनी चाहिए। मध्यम ऊंचाई बुजुर्गों के लिए ठीक रहती है। इससे उनके जोड़ों पर अधिक जोर नहीं पड़ता।
- बुजुर्गों के बेड के साथ बिजली का स्विच होना चाहिए और टेलीफोन भी बेड के पास होना चाहिए। बेड के पास बडे़ बड़े अंकों में जरूरी फोन नम्बर लिखे होने चाहिए ताकि जरूरत होने पर उन्हें भटकना न पडे़।
- उनके कमरे में छोटा टीवी हो तो बहुत अच्छा रहेगा और साथ में केबल की व्यवस्था भी उनके लिए लाभप्रद है ताकि वे अपने मन मुताबिक अपना मनोरंजन कर सकें।